बच्चे को काटने पर, पालतू पिटबुल को पीट-पीटकर मार डाला।

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बुलंदशहर के गुलावठी में बच्चे को काटने पर पिटबुल(pitbull) को परिजनों ने पीट पीट कर मार डाला। कुत्ते की मौत के बाद उसे नहर में बहा दिया गया। पिटबुल(pitbull) के काटने से बच्चे के दोनों पैर बुरी तरह से जख्मी हो गए थे। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के बाद परिजन जख्मी बच्चे को घर ले आए। अब उसकी हालत ठीक है।

पिटबुल ने 12 वर्षीय बच्चे पर किया था हमला

मामला गुलावठी क्षेत्र के गांव फकाना का है जहाँ योगेंद्र सिंह ने पिटबुल(pitbull) कुत्ते को अपने घर पाला हुआ था। बुधवार दोपहर को उनका 12 वर्षीय बेटा करण घर पर खेल रहा था कि अचानक उस पर पिटबुल ने हमला कर दिया। पिटबुल द्वारा किये गए हमले में बच्चा बुरी तरह से जख्मी हो गया। बच्चे पर हमला किये जाने से परिजनों ने गुस्से में पिटबुल को बुरी तरह पीटकर मर डाला और उसे नहर में बहा आये। वहीं बच्चे को परिजनों के द्वारा दिल्ली के सफरदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया। जानकारी के अनुसार बच्चे की हालत में अब सुधार है।

तीन साल पहले तीन हजार रुपये में खरीदा था पिटबुल

कुत्ते के मालिक एवं घायल बच्चे के पिता योगेंद्र सिंह ने बताया कि तीन साल पहले तीन हजार रुपये में पिटबुल नस्ल का पिल्ला ले आए थे। अभी तक वह परिवार के सदस्यों के संग वह मस्ती करता रहता था। वही उसका स्वाभाव कई दिनों से उग्र हो गया था। और बुधवार को उसने घर में खेल रहे बच्चे पर हमला बोल डाला। आपको बता दे की प्रतिबंध के बावजूद शहर से लेकर गांव देहात तक लोगों ने पिटबुल समेत खुंखार प्रजाति वाले कुत्ते पाल रखे हैं। लोग सुबह-शाम भीड़ भाड वाले स्थानों पर इन कुत्तों को खुलेआम घूमाते है। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।

किसी भी जानवर जान लेने पर 5 साल की सजा का प्रावधान

अधिवक्ता योगेश चौधरी ने बताया कि पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कुत्ता या किसी भी पशु की हत्या करने के मामले में पांच वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। किसी भी पशु की हत्या नहीं की जा सकती है। यदि वह काटता है तो उसके लिए संबंधित विभाग या नगर पालिका से संपर्क करके समस्या का समाधान करा सकते हैं। मामला संज्ञान में है। ऐसे प्रजाति के कुत्ते नहीं पालने चाहिए।वही मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ. आनंद कुमार सिंह का कहना है कि सरकारी पशु चिकित्सालय में पिटबुल के इलाज पर रोक लगाई जाएगी। जिससे लोग इसका पंजीकरण करवा सकें।