यूपी: 5 गैंगस्टर्स अपराधियो को विशेष न्यायाधीश ने दिया कठोर दंड

अर्थदंड अदा न करने पर एक - एक माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सभी पांचों दोषियों को कारावास भेजा गया।

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उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवम समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम 1986 (गैंगस्टर एक्ट ) के 5 आरोपियों को 05 – 05 वर्ष के कठोर कारावास एवं सभी आरोपियों को ₹6000 – 6000 / हजार रुपए जुर्माने की सजा से अपर सत्र विशेष न्यायालय गैंगस्टर एक्ट द्वारा दंडित किया गया। अर्थदंड अदा न करने पर एक – एक माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सभी पांचों दोषियों को कारावास भेजा गया।

विशेष लोक अभियोजक गैंगस्टर एक्ट सौरभ सिंह ने बताया कि जनपद के थाना बबेरू के प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद ने 10 नवंबर 2008 को प्राथमिकी दर्ज कराई कि बच्चू सिंह पुत्र रामकृपाल सिंह, महेंद्र सिंह, नागेंद्र सिंह, कल्लू सिंह उर्फ नरेंद्र सिंह, राजेन्द्र सिंह पुत्रगण परसन सिंह निवासी ग्राम तराया थाना बबेरू जनपद बांदा का एक संगठित गिरोह हैं।

जिनके विरुद्ध थाना बबेरू में मु0अ0सं0 285/2008 धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया । अभियोजन विभाग से समन्वय करके समयबद्ध रूप से साक्षियों का साक्ष्य कराकर प्रभावी पैरवी किए जाने के फलस्वरूप अपर सत्र विशेष न्यायाधीश एडीजे पंचम गैंगस्टर कोर्ट द्वारा आरोपियों 05 – 05 वर्ष के कठोर कारावास एवं सभी को 6000 – 6000/रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

थाना बबेरू में मुकदमा अपराध संख्या 285/2008 धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा पंजीकृत कर विवेचक निरीक्षक राजेन्द्र बहादुर सिंह द्वारा संपादित की गई थी। जिस पर न्यायालय में प्रभावी पैरवी पैरोंकर विजय कुमार कोर्ट मोहर्रिर शांति व विशेष लोक अभियोजक गैंगस्टर एक्ट सौरभ सिंह के द्वारा कड़ी मेहनत करने के बाद आरोपियों को सजा दिलायी गईं।

अपर सत्र न्यायालय पंचम विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट गुणेंद् प्रकाश ने यह फैसला सुनाया है। इसका एक संगठित गिरोह हैं जिसका गैंग लीडर बच्चू सिंह हैं तथा महेंद्र सिंह, राजेन्द्र सिंह, नागेंद्र सिंह, कल्लू सिंह उर्फ नरेंद्र सिंह सक्रिय सदस्य हैं यह सभी बहुत ही दुर्दांत और बहुत ही शातिर किस्म के अपराधी हैं जिनके द्वारा एक जुट होकर हत्या घर में घुस कर जान से मारने की धमकी देना, घर में घुस कर जबरजस्ती छेड़खानी करना, जैसे हर प्रवत्ति के जघन्य अपराध शामिल हैं।

यह सभी अभियुक्त एक ही परिवार के हैं। विशेष लोक अभियोजक गैंगस्टर एक्ट सौरभ सिंह ने यह भी बताया की दिनांक 14 सितंबर 2008 को इन सभी अभियुक्तों ने मिलकर अपने गांव तराया के ही विवेक सिंह पुत्र लाला सिंह के ऊपर लाठी, डंडों, बरछी, कुल्हाड़ी से जान से मारने की नियत से हमला किया था बाद में विवेक सिंह की अस्पताल ले जाते समय मृत्यु हों गई थी। हत्या के और भी जघन्य अपराधो पर सभी अभियुक्तों के ऊपर गैंगस्टर की कार्यवाही की गई। यह सभी अपराधी बहुत ही दबंग किस्म के हैं जिनके अंदर किसी भी प्रकार का भय नहीं है यह सभी गैंग बनाकर अपराध करते हैं जिससे यह आर्थिक भौतिक लाभ प्राप्त कर धन अर्जित कर गैंग लीडर और सभी अपराधी भाoदoसo के अध्याय 16,17 व 22 में अपराध करने में अभ्यस्त अपराधी हैं।

इनका आपराधिक इतिहास हैं इस गैंग के द्वारा उपर्युक्त समाज विरोधी कार्य किए जाने पर आम जनमानस में इस गैंग का भय व्याप्त हैं। इनके आतंक से आसपास के क्षेत्र में दहशत फैली हुई हैं। जिसके फलस्वरूप इस गैंग के खिलाफ कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराता हैं और न ही कोई गवाही देने का साहस कर पाता हैं। इनका गैंग चार्ट बनाकर जिलाधिकारी महोदय से अनुमोदित करा कर रिपोर्ट दर्ज कराई गई। मामले की सुनवाई के दौरान 15/09/2010 को आरोप बनाया गया। सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 4 गवाह पेश किए गए पत्रावली में उपलब्ध साक्षयो के अवलोकन के बाद अपर सत्र विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट गुणेंद् प्रकाश ने अपने 28 पेज के आदेश में सभी पांचों आरोपियों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।

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