नरेंद्र मोदी की साहसिक नीतियाँ है भारत के उन्नत भविष्य का मज़बूत आधार

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पिछले कमोबेश नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के कुशल नेतृत्व में भारतीय राजनीति की परिवर्तनकारी नीतियों, साहसिक निर्णयों और सराहनीय उपलब्धियों के कारण उसे ऐसे विशिष्ट रूप में रेखांकित किया गया है, जिसने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों मोर्चों पर भारत की प्रगति को महत्वपूर्ण ढंग से आकार दिया है। विविध आर्थिक सुधारों से लेकर वैश्विक कूटनीतिक पहल तक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का कार्यकाल देश के विकास पर सकारात्मक प्रभाव डालनेवाला रहा है।

नरेंद्र मोदी के नेतृत्वपरक उल्लेखनीय निर्णयों में से एक सन् 2016 ई. में भारतीय मुद्रा का विमुद्रीकरण अभियान था। उच्च मूल्यवाले मुद्रा नोटों को समाप्त करने का निर्णय नि: संदेह एक साहसिक कदम था, जिसका उद्देश्य बेहिसाब और बेनामी धनराशि को औपचारिक अर्थव्यवस्था के अंतर्गत लाना था। कुछ चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालिक संरचनात्मक परिवर्तन का ज़रूरी हिस्सा था। उनके इस कदम का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा, जिसके परिणाम स्वरूप औपचारिक अर्थव्यवस्था का विस्तार हुआ और डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन मिला।

इसी क्रम में कराधान के क्षेत्र में, प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान पेश किया गया ‘वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम पिछले 70 वर्षों में भारत का सबसे उल्लेखनीय और महत्वपूर्ण कर सुधार का प्रयास कहा जा सकता है। इस एकीकृत कर प्रणाली ने कई संघीय और राज्य शुल्कों को प्रतिस्थापित कर दिया, जिससे कर संरचना बहुत सरल हो गई और लाखों व्यवसायों को कर के दायरे में ले आया गया। हालाँकि, इसके कार्यान्वयन में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा, पर जीएसटी का उद्देश्य कराधान को सुव्यवस्थित करना, अनुपालन बढ़ाना और सरकारी राजस्व को बढ़ाना, अधिक पारदर्शी और कुशल कर प्रणाली को बढ़ावा देना था।

नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के कार्यकाल के दौरान एक ऐतिहासिक और उल्लेखनीय निर्णय सन् 2019 ई. में अनुच्छेद 370 को रद्द करना था, जिससे जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर, उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया। इस कदम का उद्देश्य इस क्षेत्र को शेष भारत के साथ अधिक निकटता के साथ एकीकृत करना, संपत्ति खरीद पर प्रतिबंध हटाना और राज्य के निवासियों के लिए सरकारी नौकरियों और कॉलेज एवं अन्य संस्थानों की आरक्षित स्थिति को चुनौती देना था। यह निर्णय इस क्षेत्र में विकास और समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक क्रांतिकारी महत्वपूर्ण कदम था।

इसी तरह ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ (सीएए), इसी तरह की एक अन्य नीतिगत पहल है, जो पड़ोसी देशों के सताए हुए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान करती है। हालाँकि इसके स्वरूप से आशंकित अनेक लोगों और संस्थाओं ने विविध चर्चाएँ शुरू कर दीं, पर वहीं इसके समर्थकों का तर्क है कि यह अधिनियम पड़ोसी देशों में उत्पीड़न का सामना करनेवाले अल्पसंख्यक समुदाय को भारत में शरण प्रदान करता है। इस क्रम में ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम’ के पारित होने से तत्काल तीन तलाक को अपराध घोषित कर दिया गया, जिसके ज़रिए मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाया गया और पतियों द्वारा अपनी पत्नियों को अचानक तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगा दी गई। सामाजिक सुधारों पर प्रधानमंत्री का विशेष जोर एक समावेशी और प्रगतिशील समाज के उनके दृष्टिकोण का परिचायक है। आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे पहल पर उनका फोकस स्पष्ट है। सन् 2025 ई. तक भारतीय अर्थव्यवस्था के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुँचने के प्रयास में विभिन्न चुनौतियों का सामना करना ही पड़ेगा, लेकिन घरेलू उत्पादन और नवाचार पर जोर, आर्थिक विकास के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ‘पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ लॉजिस्टिक प्रदर्शन को बढ़ाने और निर्यात को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन और बुनियादी ढाँचे में वृद्धि में योगदान देने के उनके प्रयासों को प्रदर्शित करता है।

सन् 2019 ई. में सुप्रीम कोर्ट के निर्णायक फैसले के बाद अयोध्या में बहु प्रतीक्षित श्रीराम मंदिर का निर्माण, भाजपा के एक पुराने संकल्प को पूरा करने का प्रभावी प्रतीक है। यह कदम पार्टी की वैचारिकी से गहराई के साथ जुड़ा हुआ है, जिसने व्यापक समर्थन और सकारात्मक चर्चा दोनों प्राप्त की है। सतत विकास के क्षेत्र में, ‘सतत भारत – सनातन भारत’ जैसे कार्यक्रम स्वच्छ ऊर्जा जैसे नीतिगत निर्णय आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे और पर्यावरण-पुनर्स्थापना के प्रति नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं। इसी तरह, ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का उद्देश्य समुदायों की भलाई में योगदान करते हुए ग्रामीण रोजगार और बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल को वैश्विक मान्यता मिली है, मिस्र से ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ जैसे सम्मान उनके कार्यकाल के दौरान भारत की राजनयिक उपलब्धियों के प्रमाण हैं। मोदी को प्राप्त 13 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार एवं सम्मान वैश्विक मंच पर उनकी व्यापक उपस्थिति एवं वैश्विक राजनीति में उनके प्रभावी हस्तक्षेप को उजागर करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत के बढ़ते प्रभाव और सकारात्मक योगदान को दर्शाते हैं।

इसी तरह, संयुक्त राज्य अमेरिका में, उन्हें ‘लीजन ऑफ मेरिट’ से सम्मानित किया गया, जो उनकी उत्कृष्ट वैश्विक सेवाओं का प्रमाण है। भूटान, बहरीन, रूस, संयुक्त अरब अमीरात और फिलिस्तीन जैसे देशों के प्रतिष्ठित सम्मान मोदी जी की राजनयिक उपलब्धियों को उजागर करते हैं। इनके अतिरिक्त, पर्यावरण नेतृत्व और विश्वशांति में उनके योगदान के लिए CERA, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों के प्रतिष्ठित पुरस्कार मोदी जी की वैश्विक मान्यता के विविध आयामों को प्रदर्शित करते हैं। ये प्रशंसाएँ एवं सम्मान सामूहिक रूप से प्रधानमंत्री के प्रभावशाली नेतृत्व और अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत की प्रमुख भूमिका को रेखांकित करते हैं ।

राजनीतिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में, ‘महिला आरक्षण विधेयक 2023’ का हालिया पारित होना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। आधिकारिक तौर पर ‘ यह 128वें संवैधानिक संशोधन विधेयक’ या ‘नारीशक्ति वंदन अधिनियम’ के रूप में जाना जाता है। यह कानून महिलाओं के लिए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में एक तिहाई सीटें आरक्षित करता है। विशेष रूप से, आरक्षण लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए निर्धारित सीटों तक भी फैला हुआ है। लैंगिक समानता और सशक्तिकरण के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को विश्व स्तर पर प्रशंसा मिली है, कई लोगों ने इस कदम को पूरे भारत में महिलाओं के लिए अधिक राजनीतिक प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय कदम के रूप में स्वीकार किया है। इस विधेयक का पारित होना समावेशिता को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार के समर्पण को दर्शाता है कि देश के विधायी परिदृश्य को आकार देने में महिलाओं की अधिक व्यापक और प्रभावी प्रमुख भूमिका हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की कुशल कूटनीति ने इस्लामी दुनिया के साथ भारत के संबंधों में एक उल्लेखनीय और सकारात्मक बदलाव को चिह्नित किया है। पहली बार, भारत ने ऐतिहासिक और भू-राजनीतिक जटिलताओं को पार करते हुए, इस्लामिक देशों के साथ सफलतापूर्वक सकारात्मक राजनयिक संबंध बनाए हैं। आर्थिक सहयोग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और राजनयिक जुड़ाव पर उनके जोर ने कई इस्लामी देशों के साथ अधिक सामंजस्यपूर्ण और सहयोगात्मक संबंधों में योगदान दिया है। व्यापार, प्रौद्योगिकी और आतंकवाद विरोधी पहल में पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारियों की स्थापना ने इन नए संबंधों को मजबूत करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नरेंद्र मोदी के कूटनीतिक प्रयास वैश्विक सद्भाव और सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं, जो उनकी सरकार के दौरान इस्लामी दुनिया के साथ मज़बूत पुल बनाने में व्यावहारिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के कमोबेश दस साल के कार्यकाल में, भारत ने साहसिक नीतियों और उल्लेखनीय उपलब्धियों द्वारा चिह्नित एक परिवर्तनकारी यात्रा की है। संक्षेप में, सन् 2016 में विमुद्रीकरण कदम का उद्देश्य दीर्घकालिक संरचनात्मक परिवर्तन, औपचारिक अर्थव्यवस्था को व्यापक बनाना था। सन् 2017 में जीएसटी की शुरुआत ने कराधान को सुव्यवस्थित किया और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाकर विकास और समावेशिता पर जोर दिया गया। आर्थिक रूप से, वित्त वर्ष 2012 में भारत का पाँचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में उभरना निरंतर विकास को दर्शाता है। विश्व स्तर पर प्रधानमंत्री की कुशल कूटनीति से अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की सक्रिय भागीदारी विश्वमंच पर उसके बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है। घरेलू स्तर पर, ‘सतत भारत – सनातन भारत’, गरीब कल्याण रोजगार अभियान और पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान जैसी पहल समग्र विकास, रोजगार सृजन और बुनियादी ढाँचे में वृद्धि के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं। स्वास्थ्य सेवा में, आयुष पारंपरिक दवाओं पर ध्यान केंद्रित करना और पारंपरिक चिकित्सा के लिए वैश्विक केंद्र की स्थापना ने भारत को इस क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। उनके नेतृत्व को अनेक साहसिक नीतिगत निर्णयों, आर्थिक सुधारों और आत्मनिर्भर, समावेशी और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त भारत के दृष्टिकोण के प्रभावी हस्तक्षेप के रूप में चिह्नित किया गया है। कह सकते हैं, नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की उपलब्धियाँ विविध हैं, जिनमें आर्थिक विकास, राजनयिक मान्यता, सामाजिक सुधार और सतत विकास की पहल शामिल हैं। जैसे-जैसे भारत प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व का प्रभाव निस्संदेह देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में रेखांकित किया जाएगा, जो भारत की चतुर्दिक प्रगति का आधार होगा!

(लेखक नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र, भारत के समन्वयक एवं निदेशक हैं)