नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र एक विचार का नाम है : नीलदमन खत्री

धैर्य-सेवा-समर्पण-त्याग और स्नेह की साक्षात् प्रतिमूर्ति सागर समतुल्य श्रद्धेया -आदरणीय हीराबेन जैसी उस माँ की पावन स्मृतियों को प्रथम पुण्यतिथि को सादर समर्पित "निर्वाण दिवस" के रूप में मनाया गया।

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नई दिल्ली: “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरियासी” – माता और मातृभूमि दोनों ही स्वर्ग से बढ़कर हैं ये संस्कृत का एक श्लोक, कथन भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री श्याम जाजू ने माँ हीराबेन मोदी जी की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र (Narendra Modi Study Center) के संयोजन में अमृतकाल नील ग्लोबल फाउंडेशन एवं सीपीडब्लूडी द्वारा अयोजित राष्ट्रीय स्मृति संगोष्ठी ‘हीराबेन : माँ की ममता और स्नेहिल छाया’ दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में कहा।

मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर आदिश सी अग्रवाल ने कहा कि आदरणीय माँ हीराबेन मोदी जी की प्रथम पुण्यतिथि में शामिल होकर गौरान्वित महसूस कर रहा हूं। अपनी माँ आदरणीय हीराबेन के आदर्शवाद और आशीर्वाद के कारण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मातृभूमि और देश के आम और गरीब लोगों के लिए निर्णय लेने में असाधारण प्रेम, समर्पण और दृढ़ता दिखाई है।

भाजपा महिला मोर्चा के दिल्ली के उपाध्यक्ष श्रीमती योगिता सिंह कहा की अपने बेटे के दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेताओं में से एक होने के बावजूद मां हीराबेन बहुत ही साधारण जीवन जीती थीं। उसने कभी कोई आभूषण नहीं पहना और शायद ही उनके नाम पर कोई संपत्ति थी।

नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र (Narendra Modi Study Center) एवं अमृतकाल नील ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्लॉग के १३ भाषाओं में एक पुस्तक “मां” का संपादन प्रोफ़ेसर जसीम मोहम्मद द्वारा किया गया और मातृत्व दिवस के उपलक्ष में स्मारिका “माँ” का विमोचन किया गया।

विशिष्ठ अतिथि नरेला के पूर्व विधायक श्री नीलदमन खत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के अपने माता जी पर लिखे ब्लॉग पर पर चर्चा करते हुए कहा कि, माँ हीराबेन ने अपने बेटे से कहा ईमानदारी जैसी पूंजी को अपने पास रखना और गरीबों को भला करना। उन्होंने नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र (Narendra Modi Study Center) के इस संगोष्ठी अयोजित करने की प्रसंशा की।

अतिथि जज राजेंद्र धर एवं पंजाब भाजपा के प्रवक्ता चेतन मोहन जोशी ने कहा कि, भगवान ने माँ को धरती पर भेजा। माँ हीराबेन मोदीजी प्रेरणा की दरिया थी। उसी आदर्श ने आज नरेंद्र मोदी जी को नवभारत के निर्माण करने का पथ पर लाया है। उन्होंने कहा की माँ हीराबेन ने मोदी जी से कहा था “कर्म करो बुद्धि से जीवन जियो शुद्धि से।”

पूर्व काउंसलर प्रत्याशी केशरानी नीलदमन खत्री एवं प्रो दिव्या तंवर ने कहा कि, हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को देखा है, उनके ब्लॉग भी पढ़ा है। उन्होंने कहा कि, मोदी जी दुनिया के सबसे बड़े नेता बन गए उसके बाद भी माँ हीराबेन ने अपने पैसे जमा कर पांच हजार रुपया जब रखें तब माँ की ममता दिखाई देती है। उन्होंने कहा की , माँ हीराबेन को आदर्श की प्रतीक के रूप में जाना जाएगा।

इस अवसर पर नरेंद्र मोदी अध्ययन केंद्र के सभापति प्रो जसीम मोहम्मद ने कहा कि, मां हीराबेन मोदीजी के जीवन जो लचीलेपन की प्रतीक थी। उन्हे स्वच्छता में लगे लोगों के प्रति गहरा सम्मान, उन्हे दूसरों की खुशी में खुशी तलाशना, मां हीराबेन ने जीवन का एक पाठ पढ़ाया एक कर्तव्यपरायण नागरिक, एक अत्यंत सरल जीवनशैली को अपनाना, वर्तमान घटनाक्रमों की जानकारी रखना, इतनी उम्र के बावजूद अच्छी स्मरण शक्ति, दूसरों की पसंद का सम्मान करना, गरीब कल्याण पर ध्यान, जीवन का मंत्र- कठोर परिश्रम, हीराबेन मातृशक्ति की प्रतीक है।

जसीम मोहम्मद कहा कि, श्रद्धेया मां हीराबेन मोदीजी ने देश की निष्काम- अह्रनिश सेवा के लिए एक ऐसे व्यक्तित्व नरेंद्र मोदी को आकार देकर सँवार दिया, जो भारत का ही नहीं, पूरी दुनिया का सिरमौर बन गया है।

कार्यक्रम को सफल बनाए जाने में संस्था की निकहत परवीन, रेहाना रहीम, संदीप राय, नदीम वारिस, इस्मत चुग़ताई, जावेद रहमानी का बहुत सहयोग रहा।