कौशाम्बी: जीत मिले या हार छेद्दू का लोकतंत्र के प्रति प्यार लगातार है बरकरार

एक घर से एक वोट’ यही शब्द छेद्दू के चुनाव प्रचार का आकर्षण बढ़ाते हैं। साथ में छेद्दू नगड़िया भी बजाते रहते हैं।

0

Kaushambi News: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में पांचवे चरण में मतदान होना है। कौशांबी लोकसभा 50 से निर्दलीय प्रत्याशी छेद्दू चमार भी चुनाव लड़ रहे है। छेद्दू चमार के प्रचार का तरीका ऐसा कि निगाह पड़ जाए तो फिर पलकें झपकना भूल जाएं। सनक इस तरह की है कि अब तक क्षेत्र पंचायत से लेकर सांसदी तक के 11 चुनाव लड़ चुके हैं। अपने जीवन का 12वा चुनाव सांसद का लड़ने जा रहे है। छेद्दू चमार 2024 में भो कौशांबी लोकसभा 50 से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है। जीत मिले या हार छेद्दू का लोकतंत्र के प्रति प्यार लगातार बरकरार है। दलित छेद्दू ने पिछले 24 वर्षों में अब तक 11 चुनाव लड़ चुके है जिसमे विधानसभा और लोकसभा दोनो चुनाव शामिल है। अभी तक छेद्दू एकमात्र चुनाव बीडीसी का जीत चुके है ।

चुनावी बेला में धरती पकड़ की बात हो और छेद्दू चमार का नाम कौशाम्बी के लोगों की जुबान पर न आ जाए, ऐसा संभव नहीं है। साइकिल से बर्तन की फेरी कर जीविकोपार्जन करने वाले छेद्दू ने वर्ष 2001 से चुनावों में भाग्य आजमाना शुरू किया। 2001 का पहला क्षेत्र पंचायत चुनाव वह जीतने में कामयाब भी हो गए थे। इसी के बाद लोकतंत्र के प्रति उनका प्यार बढ़ता गया। वर्ष 2006 में छेद्दू अपने गांव से बीडीसी का चुनाव लड़े लेकिन, हार गए। छेद्दू 2012 में सीधे सिराथू सीट से डिप्टी सीएम के सामने विधानसभा का चुनाव लड़े। वह 2014 का लोकसभा, 2014 में सिराथू सीट से विधानसभा का उपचुनाव, 2017 में विधानसभा, 2019 में लोकसभा, 2011 में जिला पंचायत सदस्य का भी चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि इन चुनावों में छेद्दू को हार का ही सामना करना पड़ा है।

छेद्दू चमार ने अपनी पत्नी उर्मिला देवी को भी चुनावी रण में उतारा है। उर्मिला वर्ष 2006 और 2015 में जिला पंचायत सदस्य पद का इलेक्शन लड़ चुकी हैं लेकिन, दोनों चुनाव जीत नहीं पाईं। इसके बाद लड़ना ही बंद कर दिया। हालांकि छेद्दू ने अभी तक हिम्मत नहीं हारी है। उनका कहना है कि कभी न कभी जनता जरुर से भरोसा करेगी। छेद्दू चमार की माली हालत ठीक नहीं है। उन्हें आवास योजना के तहत एक अदद आशियाना भी नहीं मिल पाया है। बर्तन की फेरी करके वह अपना, अपनी पत्नी का और छह बच्चों का पेट पालते हैं। चुनाव के प्रचार का छेद्दू का तरीका जरा हटकर है। वह साइकिल में बर्तन लादकर बेचते रहते हैं, संग-संग प्रचार भी करते हैं। कोई माइक न पोस्टर-बैनर। मुंह से ही छेद्दू अपना प्रचार करते हैं, वह भी शुद्ध कौशाम्बी की भाषा में। जहां भी जाते हैं, उनको देखने-सुनने के लिए लोगों की भीड़ बरबस ही जुट जाती है।

छेद्दू चमार प्रचार के दौरान मुंह से चिल्ला-चिल्लाकर ही वोट मांगते हैं। कौशाम्बी की भाषा में कहते हैं ‘निर्दल प्रत्याशी कौशांबी लोकसभा50 से उम्मीवार छेद्दू चमार, ग्राम तैबापुर-शमसाबाद बर्तन वाला। इधर देखो न उधर देखो 20 मई को मेरे चुनाव चिन्ह को देखो। एक घर से एक वोट’ यही शब्द छेद्दू के चुनाव प्रचार का आकर्षण बढ़ाते हैं। साथ में छेद्दू नगड़िया भी बजाते रहते हैं।

छेद्दू चमार इस बार फिर 2024 लोकसभा कौशांबी 50 से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है। इनके सामने बीजेपी से तीसरी बार टिकट मिलने वाले सांसद विनोद सोनकर है तो इंडिया गठबंधन से पूर्व मंत्री व मंझनपुर के विधायक इंदजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र सरोज है। छेद्दू चामर का कहना है कि जब तक है जी मे जान तब तक हम लड़ेंगे हर चुनाव।