पृथ्वी दिवस पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है। पृथ्वी दिवस दुनिया भर के नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता के महत्व की याद दिलाता है, हमें एक स्वस्थ ग्रह और उज्जवल भविष्य के लिए एक साथ आने और कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करता है। विश्व पृथ्वी दिवस का वार्षिक आयोजन 22 अप्रैल को होता है। यह दिन जागरूकता बढ़ाता है और परिवर्तन को प्रेरित करता है, प्रकृति के साथ गहरे संबंध को बढ़ावा देता है।
वर्ल्ड अर्थ डे का इतिहास
वर्ष 1969 में कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में तेल रिसाव के कारण बड़ी संख्या में जीव जंतुओं की मौत हो गई थी। इससे लोगों का ध्यान नेचर के संरक्षण की तरफ गया और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने का फैसला किया गया। 1970 में हुई अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन की अपील पर 22 अप्रैल को लगभग दो करोड़ अमेरिकियों ने पृथ्वी दिवस के पहले आयोजन में हिस्सा लिया था। यूएनओ ने 22 अप्रैल को वर्ल्ड अर्थ डे की मान्यता दे दी।
वर्ल्ड अर्थ डे का महत्व
आज पर्यावरण से संबंधित चुनौतियों के कारण जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे में लोगों को नेचर और पर्यावरण के प्रति जागरूक करना जरूरी है। लोगों को अवेयर होने से ही क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वार्मिंग और पॉल्यूशन जैसी समस्याओं का सामना किया जा सकता है। ऐसे समय में वर्ल्ड अर्थ डे के अवसर पर दुनिया भर में कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को इन चुनौतियों को समझने और संरक्षण के उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित करने का अवसर मिलता है।
वर्ष 2024 में वर्ल्ड अर्थ डे की थीम
वर्ष 2024 में वर्ल्ड अर्थ डे की थीम प्लेनेट वर्सेज प्लास्टिक है। इस थीम का उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करने के लिए जल्द से जल्द इसके विकल्प की तलाश करना है।
विश्व पृथ्वी दिवस पर करने योग्य गतिविधियाँ
चूँकि पृथ्वी दिवस हमारे ग्रह की सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाता है, आप इस दिन को विशेष बनाने के लिए विभिन्न पर्यावरण-संबंधी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। आप अपने घर में प्लास्टिक का उपयोग करने से बचने, प्रकृति की सैर पर जाने, जीवनशैली में ऐसे बदलाव करने की प्रतिज्ञा कर सकते हैं जो आपके कार्बन पदचिह्न को कम करें, पर्यावरण को बचाने के तरीकों पर अपने परिवार और दोस्तों को शिक्षित करें, और भी बहुत कुछ। आप कम करें, पुन: उपयोग करें और पुनर्चक्रण के सिद्धांतों को भी सीख सकते हैं और उन्हें अपनी जीवनशैली में अपना सकते हैं।