भाई-बहन के बीच प्यार और बंधन के सम्मान में मनाया जाता है, भाई दूज

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भाई दूज, जिसे भ्रातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भाइयों और बहनों के बीच के बंधन का जश्न मनाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भाई दूज द्वितीया तिथि के दूसरे दिन पड़ता है और यह त्योहार हर साल दो बार मनाया जाता है – एक होली के बाद और दूसरा दिवाली के दो दिन बाद।

होली भाई दूज द्वितीया तिथि को मनाई जाती है, जो या तो रंगवाली होली के अगले दिन या होलिका दहन के अगले दिन आती है। द्रिकपंचांग में बताया गया है कि इस साल की होली भाई दूज 27 मार्च को होगी।

देशभर में लोग भगवान यम और यमुना की याद में भाई दूज मनाते हैं। कुछ क्षेत्रों में इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते के अलावा भाई-बहन के बीच प्यार और बंधन का सम्मान करता है। भाई-बहनों को इस दिन का उपयोग अपने रिश्ते को गहरा बनाने और एक-दूसरे के प्रति अपने समर्पण की पुष्टि करने के लिए करना चाहिए।

होली भाई दूज 2024: तिथि और समय

तिथि: इस साल होली भाई दूज 27 मार्च को मनाई जाएगी।

द्वितीया तिथि 26 मार्च 2024 को दोपहर 2:55 बजे शुरू होगी और 27 मार्च को शाम 5:06 बजे समाप्त होगी।

भाई दूज 2024: इतिहास

रक्षा बंधन के समान, भाई दूज भाई-बहनों के बीच के बंधन का सम्मान करता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भ्रातृ द्वितीया के संबंध में कई किंवदंतियाँ हैं। एक किंवदंती बताती है कि कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की द्वितीया को, मृत्यु के देवता भगवान यम, अपनी बहन यमुना (नदी) से मिलने आये।

यमुना ने भगवान यम को व्यंजनों का भोग लगाया और उन्हें चंदन का लेप या तिलक लगाया। तब भगवान यम ने घोषणा की कि जो भी बहन इस दिन अपने भाई को टीका लगाएगी और खाना खिलाएगी, उसे लंबी उम्र और समृद्धि मिलेगी।

भाई दूज 2024: महत्व

जबकि भाई दूज का उत्सव अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होता है, उनमें आमतौर पर टीका लगाना (माथे पर बनाया गया एक निशान), आरती (एक पूजा अनुष्ठान), उपहार देना और सांप्रदायिक भोजन साझा करना शामिल होता है। बहनें अपने भाइयों के लंबे और समृद्ध जीवन की कामना करती हैं, और भाई अपनी बहनों का ख्याल रखने और उनकी सहायता करने का संकल्प लेते हैं। यह त्योहार प्यार, सम्मान और पारिवारिक एकता के महत्व पर जोर देता है। इस दौरान पारिवारिक रिश्ते मजबूत होते हैं और स्थायी यादें बनती हैं।