Manipur में एक बार फिर से भड़की हिंसा, कई लोग हुए घायल

मणिपुर के विभिन्न इलाकों में लोगों पर गोलीबारी और उग्रवादियों तथा सुरक्षा बलों के बीच झड़पों की अलग-अलग घटनाओं में 5 लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए।

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मणिपुर (Manipur) में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई है। रविवार को मणिपुर (Manipur) में ताजा हिंसा भड़कने के बाद एक पुलिसकर्मी सहित पांच लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य लोग जख्मी हो गए है। वहीं, पिछले महीने जातीय हिंसा में कम से कम 70 लोगों की मौत हो गई थी। मणिपुर (Manipur) के विभिन्न इलाकों में लोगों पर गोलीबारी और उग्रवादियों तथा सुरक्षा बलों के बीच झड़पों की अलग-अलग घटनाओं में 5 लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए।

पुलिस अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, इंफाल पश्चिम जिले के फयेंग में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। अधिकारियों ने बताया कि, सुगनू में हुई गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। जबकि एक अन्य घायल हो गया। सुगनू में छह और सेरौ में चार अन्य लोग घायल हो गए।

अधिकारियों ने बताया कि, ताजा संघर्ष तब शुरू हुआ जब सेना ने शांति कायम करने के लिए समुदायों को हथियारों से मुक्त करने को लेकर तलाशी अभियान शुरू किया। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह (N. Biren Singh) ने कहा कि, सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से घरों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि, हालिया दौर की “झड़प समुदायों के बीच नहीं बल्कि कुकी उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई है।” उन्होंने ने यह भी कहा कि, सशस्त्र उग्रवादियों द्वारा एके-47, एम-16 और स्नाइपर राइफल से लोगों पर गोलीबारी करने के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि, सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई में इन उग्रवादियों को निशाना बनाया है।

वही, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह (N. Biren Singh) ने लोगों से सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही में बाधा नहीं डालने की निवेदन की और उनसे सरकार में विश्वास रखने और सुरक्षा बलों का समर्थन करने का आग्रह किया है। अधिकारियों ने कहा कि, इलाके में तैनात राज्य पुलिस कर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की। जिसके बाद भारी गोलीबारी हुई। मणिपुर घाटी के पूर्वी हिस्से में, इंफाल पूर्वी जिले के याईंगंगपोकपी में हथियारबंद उग्रवादियों ने हमला किया और दो घरों में आग लगा दी और ग्रामीणों पर गोलीबारी की। स्थानीय ग्रामीणों ने कुकी उग्रवादियों द्वारा की गई गोलीबारी का प्रतिकार किया। वहां भी लोगों के घायल होने की सूचना मिली है।

बता दे कि, इंफाल पश्चिम जिले के सेकमाई में सशस्त्र उग्रवादियों ने हमला किया। जिसके कारण दोनों ओर से गोलीबारी हुई। बिष्णुपुर जिले में, सशस्त्र कुकी उग्रवादियों ने शनिवार रात फौगकचाओ इखाई, तोरबंग और कांगवई क्षेत्रों पर हमला किया। जिसमें मैतेई समुदाय के तीस से अधिक घर आग के हवाले कर दिए। पिछले कुछ घंटों में हुई हिंसा के कारण जिला अधिकारियों ने इंफाल पूर्वी और पश्चिमी जिले में कर्फ्यू में 11 घंटे की छूट को घटाकर केवल साढ़े छह घंटे का कर दिया।

आपकी जानकरी के लिए बता दे कि मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद मणिपुर में जातीय झड़पों में 75 से अधिक लोगों की मौत हो गई। आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने पर पहले से तनाव गहराया हुआ था। मैतेई मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। राज्य में हालात सामान्य करने के लिए अर्धसैनिक बलों के अलावा सेना और असम राइफल्स की लगभग 140 टुकड़ियां तैनात करनी पड़ी। जिनमें 10,000 से अधिक कर्मी शामिल हैं।

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