यूक्रेन से प्रयागराज घर लौटी बेटी की मां ने उतारी आरती

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प्रयागराज (Prayagraj) से यूक्रेन में पढ़ाई करने गए छात्रों की संख्या आधिकारिक रूप से बढ़कर 22 हो गई है। यह संख्या अभी और बढेगी, धीरे धीरे इनकी सूचना सामने आ रही है। इनमें से सोमवार की देर रात एक छात्रा यशस्वी फ्लाइट से लखनऊ पहुंची और वहां से सड़क मार्ग से घर आई। जबकि मंगलवार की शाम मुंबई से फ्लाइट से दो छात्र वाराणसी पहुंचे और वहां से सड़क मार्ग से प्रयागराज आए। जबकि अभी भी यूक्रेन में छात्र अलग अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। वापस लौटने वालों में मुंडेरा बमरौली, साकेत नगर धूमनगंज व पंडुआ प्रतापपुर बारा के छात्र शामिल हैं। बच्चों के परदेश से वापस घर पहुंचने पर इनके परिजनों ने राहत की सांस ली है।

प्रयागराज में धूमनगंज इलाके में पोंगहट के पास रहने वाली यशस्वी सोमवार रात फ्लाइट के जरिए लखनऊ पहुंचने के बाद कार में अपने घर पहुंची। वहां मां ने आरती उतारकर स्वागत किया तो पिता भी गले लगाकर रो पड़े। परिवार के लोगों की अब चिंता दूर हो चुकी है। यशस्वी को पहले मिठाई फिर घर का तैयार स्वादिष्ट भोजन कराया गया। यशस्वी ने बताया कि पिछले तीन-चार रोज से खाना-पीना भी दूभर हो चुका था।

वहीं, यूक्रेन में लगातार हालात गंभीर होते जा रहे हैं। युद्ध विराम न होने से वहां फंसे छात्रों के परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है। फंसे हुए छात्र लगातार बच्चों से उनकी लोकेशन और हालात की अपडेट ले रहे हैं। वासट्एप वीडियो काल से परिस्थितियों का जायजा भी ले रहे हैं। परिजन लगातार सरकार से बच्चों को जल्द से जल्द लाने वापस लाने की मांग कर रहे हैं। वापस आने वाले छात्रों में मुंडेरा बमरौली की यशस्वी जायसवाल, साकेत नगर धूमनगंज रितिक दिवाकर व पंडुआ प्रतापपुर तहसील बारा के सौरभ केसरवानी शामिल हैं।

लूकरगंज के रहने अनमोल अहूजा के पिता उमेश अहूजा ने बताया कि रोमानिया बार्डर में स्थिति काफी खराब है। बार्डर के आस पास बर्फबारी होने के कारण ठंड बहुत अधिक बढ़ गई है। त्रिवेणीपुरम झूंसी के वीवी यादव ने बताया कि उनका बेटा सतेंद्र यादव यूक्रेन में फंसा हुआ है। वहां हालात चिंताजनक है। बार्डर पर इंटरनेट की समस्या भी होने लगी है। गुरु नानक नगर नैनी के प्रदीप दुबे के पिता ओंकारनाथ दुबे ने बताया कि अभी फोन पर बात हो जा रही है। लेकिन, बार्डर पर छात्रों का उत्पीड़न किया जा रहा है। सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।