देश की प्रमुख वाहन निर्माताओं में से एक Tata Motors की ओर से दिल्ली के पास नई Registered Vehicle Scrapping Facility को शुरू किया है। कंपनी की ओर से इससे पहले देश के चार अन्य शहरों में भी इस तरह की फैसिलिटी को शुरू किया जा चुका है। हम इस खबर में आपको बता रहे हैं कि हर साल इस नई फैसिलिटी में कितनी कारों को स्क्रैप किया जा सकेगा। दिल्ली और आस पास के क्षेत्र के लोगों को इससे क्या फायदा मिलेगा। आइए जानते हैं।
शुरू हुई Registered Vehicle Scrapping Facility
दिल्ली के पास टाटा मोटर्स की ओर से नई व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी को शुरू किया है। कंपनी ने इसके लिए जौहर मोटर्स के साथ साझेदारी की है।
कितनी कारें होंगी स्क्रैप
कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस नई फैसिलिटी में हर साल 18 हजार ऐसी कारों को स्क्रैप किया जा सकेगा, जिनका समय पूरा हो गया है। इससे पहले कंपनी की ओर से देश के चार बड़े शहरों में इस तरह की फैसिलिटी को शुरू किया जा चुका है। जिनमें सूरत, भुवनेश्वर, जयपुर और चंडीगढ़ शामिल हैं।
टाटा ने दिया खास नाम
टाटा मोटर्स ने इस तरह की फैसिलिटी को एक खास नाम दिया है। कंपनी के मुताबिक इस अत्याधुनिक फैक्ट्री का नाम ‘रिसाइकल विद रिस्पेक्ट’ (Re.Wi.Re) है। इसकी प्रति वर्ष की 18 हजार के करीब वाहनों की स्क्रैपिंग की क्षमता है। यह सुविधा वाणिज्यिक और यात्री वाहनों के लिए सेल प्रकार और लाइन प्रकार के निस्तारण प्रक्रिया के साथ डिजिटलीकरण और दक्षता बढ़ाने में काफी मददगार होगी।
वाहन स्क्रैप नीति
देश में वाहन स्क्रैप नीति को मार्च, 2021 में पेश किया गया था। इसके मुताबिक 15 साल से अधिक पुराने कमर्शियल वाहनों और 20 साल से अधिक पुराने यात्री वाहनों को स्क्रैप कराना जरूरी है। इन मानदंडों को पूरा करने वाले वाहनों को ब्रेक गुणवत्ता और इंजन प्रदर्शन और जैसे महत्वपूर्ण कारकों का मूल्यांकन करते हुए फिटनेस और उत्सर्जन टेस्ट से गुजरना पड़ता है। अगर वे इस टेस्ट में विफल हो जाते हैं तो उन्हें सड़क पर चलने के लिए अनुपयुक्त माना जाता है।