एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) ने आज एक बैठक की। इस बैठक को सम्बोधित करते हुए उन्होंने बताया कि श्रोमणि समिति की आंतरिक समिति की बैठक के बाद लिये गये निर्णय150 साल के गुरुद्वारा सिंह सभा आंदोलन का जश्न मनाने का निर्णय लिया गया। 150वीं शताब्दी को समर्पित इस स्थान पर 1 अक्टूबर 2023 को कार्यक्रम मनाया जाएगा। जिसे हमारे स्कूल कॉलेज द्वारा वहां सेमिनार के माध्यम से 150 वर्ष शताब्दी वर्ष के बारे में बताया जाएगा। धामी ने कहा कि 21 फरवरी 2024 को जैतो की 100वीं शताब्दी के लिए एक उप समिति का गठन किया गया था। हम 13-14 सितंबर से शुरुआत करेंगे। उन्होंने गांवों में भी कार्यक्रम शुरू करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जैतो तक की यात्रा की जायेगी। सिंह साहबों से अनुरोध किया जाएगा कि सिंह साहब ही इसका नेतृत्व करें।
उन्होंने (Harjinder Singh Dhami) आगे कहा कि हमें पुराना इतिहास याद रखना चाहिए। तीसरे महाराजा रिपु दमन सिंह का जश्न 9 सितंबर को नाभा में मनाया जाना चाहिए। झूठे संत के मामले में गुरसेवक सिंह हमारे गवाह हैं। जितनी उन्होंने गवाही दी श्रोमणि समिति अपनी ओर से सुप्रीम कोर्ट जाएगी। पिछले दिन, जगदीश टाइटलर के दिल्ली नरसंहार का अनुसरण किया गया था। ऐसे में श्रोमणि कमेटी इसका पालन करेगी। इस मामले में बीबी लखविंदर कौर चश्मदीद गवाह हैं। सबसे बड़ी सिख परंपरा को ठेस पहुंचाई जा रही है।
ये सिख न्याय व्यवस्था के अंदर है और वाना ने कहा कि हम अभी आपसे पूछकर ही जाएंगे। वाना ने कहा कि आपको यहां आना चाहिए। वाना ने कहा कि धामी (Harjinder Singh Dhami) एक खुले पिंजरे की तरह हैं। वाना ने कहा कि मैंने जीवन में बहुत संघर्ष किया है। वाना ने कहा कि मैं पिछले चार साल से यहां बैठी हूं। श्रोमणि समिति ने जो भी निर्णय लिये हैं, पूरे विश्वास के साथ लिये हैं। यह सिख धर्म की सबसे प्रमुख संस्था है और रहेगी। हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि लोग बुरे हो सकते हैं लेकिन संगठन बुरा नहीं हो सकता। सिख धर्म की इस संस्था को बदनाम मत करो। धामी ने कहा कि कल गुरु घर में करंट लगने से सेवादार की मौत हो गई। वन्ना के परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ हैं।