Sahibabad: महिला से मिलने गया युवक, छत से गिरकर मौत

परिजनों ने पुलिस को शिकायत नहीं दी है। हालाकि, पुलिस हत्या, आत्महत्या और हादसे के एंगल से जांच कर रही है।

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साहिबाबाद के श्यामपार्क मेन में शनिवार रात भास्कर प्रताप का शव घर से 50 कदम दूर पांच मंजिला अपार्टमेंट के बराबर में मकान की छत पर मिला। वह एक फ्लैट में अपनी महिला मित्र से मिलने गया था। महिला के पति के आने पर वह डरकर रसोई में घुसकर पाइप पकड़कर छत पर पहुंच गया। पानी की टंकी के पीछे छुपने के लिए पीएनजी की पाइप के सहारे चढ़ने का प्रयास किया, लेकिन पाइप टूट गया और वह अपार्टमेंट से सटे मकान की छत पर गिर पड़ा। परिजनों ने पुलिस को शिकायत नहीं दी है। हालाकि, पुलिस हत्या, आत्महत्या और हादसे के एंगल से जांच कर रही है।

पुलिस के मुताबिक, गोंडा के असदेही गांव निवासी प्रदीप सिंह श्याम पार्क की गली नंबर-एक में बालाजी अपार्टमेंट में रहते हैं। भास्कर प्रताप उनका तीसरे नंबर का बेटा था। वह घर पर रहकर मां की देखभाल करता था। कुछ दिनों से मां दिल्ली के सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं।

शनिवार रात वह महिला मित्र से मिलने घर से कुछ दूर पांच मंजिला अपार्टमेंट के फ्लैट में गया था। इस अपार्टमेंट में दस से ज्यादा फ्लैट हैं जबकि तीन या चार में ही परिवार रहते हैं। रात करीब 11:30 बजे महिला का पति ड्यूटी से घर पहुंचा तो भास्कर घबरा गया। वह तीसरे तल के फ्लैट की रसाेई में घुसकर पाइप के सहारे छत पर पहुंच गया।

वहां भी उसे पकड़े जाने का डर सता रहा था। इसके बाद वह छत के ऊपर रखी पानी की टंकी के पीछे छुपने के लिए चार इंच की दीवार पर पीएनजी का पाइप पकड़कर चढ़ रहा था। तभी पाइप टूट गई और वह बराबर के मकान के छत पर गिर पड़ा। सिर और शरीर में कई जगह गंभीर चोट लगने से वह लहूलुहान हो गया। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने महिला और उसके पति के बयान दर्ज किए हैं।

पुलिस जांच में आया कि भास्कर ने शराब पी हुई थी। अपार्टमेंट में जाने से पहले उसने घर के पास दुकान से सिगरेट भी खरीदी थी। हालांकि, परिजनों ने मामले में अभी तक कोई शिकायत नहीं दी है। पुलिस उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

रविवार दोपहर एसीपी रजनीश उपाध्याय, थाना प्रभारी अजय चौधरी पांच मंजिला अपार्टमेंट में जांच करने पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले पीएनजी की टूटी पाइप को देखा। उसके बाद बराबर की जिस छत पर भास्कर का खून पड़ा था, वहां पहुंचकर भी जांच की। बाद में तमाम पाइपों को भी चेक किया, जिनके सहारे भास्कर छत तक पहुंचा था।