रामपुर: वॉटर टैंक में लीकेज के बावजूद विद्युत विभाग ने भेजा भारी भरकम बिल

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Rampur: उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में लोगों में स्वच्छता के उद्देश्य से बड़ी तादाद में ग्रामीण इलाकों को जल मिशन के तहत टंकियां और वाटर सप्लाई देने का काम जारी है। बावजूद इसके वाटर सप्लाई को लेकर जल निगम की खामियों की पोल भी खोलती नजर आ रही है। कुछ इसी तरह का एक मामला जनपद रामपुर (Rampur) के कई गांवों में देखने को मिल रहा है। अब तो हद इस बात की हो गई कि एक गांव में बिना वाटर सप्लाई पूर्ण हुए ही विद्युत विभाग की ओर से भारी भरकम बिल आने से ग्राम पंचायत में हड़कंप मच गया है। आई जानते हैं क्या है पूरा मामला….

जनपद रामपुर (Rampur) के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों जल निगम की अगुवाई में जल मिशन के तहत लोगों को पीने का स्वच्छ पानी घर-घर पहुंचा कर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बड़ी संख्या में वॉटर टैंक और सप्लाई लाइन सुचारू करने का कार्य किया जा रहा है। 7 वर्षों में लगभग 500 से अधिक गांवों में अब तक ओवर वाटर टैंक बन भी चुके हैं लेकिन इनमें से कुछ वॉटर टैंक गांव में सप्लाई देने में नाकाम साबित हो रहे हैं और हालात जस के तस बने हुए हैं। ऊंचे ऊंचे वॉटर टैंक गांवों की शोभा तो बढ़ते जरूर देखे जा सकते हैं लेकिन स्वच्छ पानी को घर-घर तक पहुंचाने का सपना ना तो सरकार का ही पूरा हो पा रहा है और ना ही ग्रामीणों का ही पूरा हो पा रहा है। हद तो तब हो गयी जब लोगों के घरों तक वाटर सप्लाई ठीक से नहीं पहुंच पाने के चलते ग्राम प्रधानों के पास विद्युत विभाग की ओर से ट्यूबवेल ऑपरेट करने को लेकर लगाए गए मीटर का भारी भरकम बिल अदायगी के लिए पहुंच गया। ताजा मामला नौगांव गांव का है जहां पर ना तो विद्युत सप्लाई ढंग से हो सकी और उल्टा 58000 से अधिक का विद्युत बिल ग्राम प्रधान के पास पहुंच गया।

जनपद रामपुर (Rampur) के चमरौआ विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत नौगवां राजस्व गांव है, जहां पर 7 साल पहले जल निगम की ओर से 2 करोड़ के आसपास की धनराशि से ग्राम सभा की जमीन पर ओवर वॉटर टैंक बनाया गया और वही वाटर सप्लाई ग्रामीणों के घर तक पहुंच जाने के उद्देश्य से पाइपलाइन बिछाई गई। चंद घरों में ही कुछ दिन तक वाटर सप्लाई दुरुस्त रही और उसके बाद कुछ खामियों के चलते लोगों के घर तक इसका पानी नहीं पहुंच सका। इसके बाद ग्रामीण मायूस हो गए। ओवर वॉटर टैंक भी लगातार लीक हो रहा है और इसी को देखकर जल निगम की उदासीन कार्यशैली पर भी सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं।

जनपद रामपुर के स्थानीय जल निगम की अगुवाई में बनाए गए दो करोड़ की लागत के इस वाटर टैंक की दशा अभी से इतनी खराब है तो चंद सालों के बाद क्या होगा? इसी को लेकर ग्रामीण असमंजस की स्थिति में है। दिलचस्प बात यह है कि इतने सालों के बाद भी जहां इसकी खामियों को दूर करने की फुर्सत जल निगम के अधिकारियों को नहीं मिली है और अभी तक इसे ग्राम पंचायत को हस्तांतरित भी नहीं किया गया है। फिर एक समस्या इसके उलट भी है। दरअसल विद्युत विभाग की ओर से 58 हजार रुपए के बिल के भुगतान को लेकर जल निगम के बजाय ग्राम पंचायत के प्रधान को इसकी अदायगी का मैसेज भी भेज दिया गया है। यही सवाल ग्राम प्रधान के मुख से बार-बार निकल रहे हैं कि जब इसकी वाटर सप्लाई गांव में पहुंची ही नहीं तो ग्राम पंचायत किस नियम के तहत विद्युत बिल का भुगतान करें। वहीं दूसरी ओर लंबे समय के बाद भी वाटर सप्लाई ब्राह्मणों के घरों तक नहीं पहुंच पाने के चलते उनकी खुशी भी अब काफूर हो चुकी है। जल निगम के अधिकारी विभाग की पोल खुलते देख लगातार कन्नी काटते नजर आ रहे हैं।