पंजाब (Punjab) में विधानसभा का बजट सत्र बुलाने की मंजूरी न मिलने के खिलाफ आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अदालत ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए दोपहर 3:50 बजे सुनवाई का समय तय भी कर दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) और जस्टिस पीएस नरसिम्हा (PS Narasimha) की बेंच ने कहा कि, महाराष्ट्र में शिवसेना को लेकर जारी राजनीतिक संकट के मामले पर सुनवाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय इस मामले पर भी सुनवाई करेगा।
पंजाब सरकार (Punjab Government) ने सोमवार को अतिरिक्त महाधिवक्ता शादान फरासत (Shadan Farasat) के जरिये से भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 (Article 32) के तहत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर की। याचिका में पंजाब के राज्यपाल के प्रधान सचिव को पहले प्रतिवादी के रूप में रखा गया है। याचिका में तर्क दिया गया है कि, संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक सरकार द्वारा दी गई मदद और सलाह के मुताबिक राज्यपाल को विधानसभा बुलाना पड़ता है।
पंजाब सरकार के कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल से विधानसभा का बजट सत्र तीन मार्च से बुलाने की अनुमति मांगी थी। हालांकि, राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित (Banwarilal Purohit) ने इस बजट सत्र को बुलाने से मना कर दिया था। साथ ही एक लेटर लिखकर कहा कि, मुख्यमंत्री के ट्वीट और बयान काफी अपमानजनक और असंवैधानिक थे। इन ट्वीट पर कानूनी सलाह ले रहे हैं। इसके बाद बजट सत्र को बुलाने पर विचार करेंगे।
गौरतलब है कि, 13 फरवरी को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर, सिंगापुर में ट्रेनिंग के लिए भेजे गए प्रिंसिपलों की चयन प्रक्रिया व खर्च समेत चार अन्य मुद्दों पर जानकारी तलब की थी। इसके जवाब में, मुख्यमंत्री ने 13 फरवरी को ही ट्वीट कर राज्यपाल की नियुक्ति पर सवाल उठाने के साथ-साथ साफ कर दिया कि राज्यपाल द्वारा उठाए सभी मामले राज्य का विषय हैं। मुख्यमंत्री ने लिखा था कि, उनकी सरकार 3 करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेय है न कि केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किसी राज्यपाल के प्रति। इसके बाद से मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच उक्त पूरे मामले ने विवाद का रूप ले लिया है।