प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गाँधी पर कसा तंज

पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा है कि जिस तरह से कांग्रेस के शहजादे को अमेठी से भागना पड़ा था वैसे ही अब वायनाड छोड़कर भाग जाएंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर बड़ा हमला बोला है। पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा है कि जिस तरह से कांग्रेस के शहजादे को अमेठी से भागना पड़ा था वैसे ही अब वायनाड छोड़कर भाग जाएंगे। बता दें कि राहुल गांधी इस बार केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वह पहले कांग्रेस की परंपरागत सीट अमेठी से चुनाव लड़ते थे और 2019 में वे इस सीट से हार गए थे। इस सीट से स्मृति ईरानी ने जीत दर्ज की थी और इस बार भाजपा ने एक बार फिर से स्मृति ईरानी को टिकट दिया है। हालांकि कांग्रेस ने अबतक अमेठी में उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है।

पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कल देश में पहले चरण का मतदान संपन्न हुआ है और मैं वोटिंग करने वाले सभी लोगों को खासतौर पर पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं को बहुत बहुत बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि मतदान के बाद अलग-अलग लोगों ने बूथ लेवल तक का जो विश्लेषण किया और जो जानकारियां मिल रही हैं। उससे ये विश्वास पक्का हो रहा है कि पहले चरण में एनडीए के पक्ष में एकतरफा मतदान हुआ है।

पीएम मोदी ने विपक्षी इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि वोटर भी देख रहे हैं कि कैसे इंडिया अलायंस के लोग अपने स्वार्थ में, अपने भ्रष्टाचार को बचाने के लिए एक साथ आए हैं। इसलिए खबर यही है कि पहले चरण में मतदाताओं ने इस गठबंधन को पूरी तरह नकार दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि ये लोग दावा जो भी करें, लेकिन सच्चाई यही है कि चुनाव की घोषणा से पहले से ही कांग्रेस के नेता अपनी हार मान चुके हैं।

पीएम मोदी ने सोनिया गांधी पर भी तंज कसा और कहा कि कुछ नेता, जो लगातार लोकसभा में जीतकर आते थे, वे इसबार राज्यसभा के रास्ते से अंदर जाकर बैठ गए हैं। बता दें कि सोनिया गांधी इस बार रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ रही हैं। वह राजस्थान से राज्यसभा पहुंची हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने दशकों तक महाराष्ट्र और खासकर विदर्भ एवं मराठवाड़ा के विकास का दम घोंटने का काम किया है और कांग्रेस के इसी रवैये के कारण यहां किसान गरीब होते गए। उद्योगों से जुड़ी संभावनाएं खत्म होती चली गई और लाखों युवाओं को पलायन करना पड़ा।