प्रयागराज 117 साल पुराने कर्जन ब्रिज पर म्यूजियम बनाने की तैयारी

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file photo

प्रयागराज गंगा नदी पर बने 117 साल पुराने कर्जन ब्रिज पर म्यूजियम बनाने के लिए कमिश्नर ने कार्य योजना तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है। अगर कार्ययोजना सफल रही तो यह देश में अपने तरह का गंगा पर विशेष म्यूजियम होगा। पहले भी इस ब्रिज को पर्यटकों के लिए खोलने मांग की गई थी लेकिन सुरक्षा को देखते हुए इसे बंद ही रखा गया है।

कमिश्नर संजय गोयल ने त्रिवेणी सभागार में शहर के चौतरफा विकास के लिए सिटी डेवलपमेंट प्लान की बैठक में कर्जन ब्रिज पर वन रिवर म्यूजियम तैयार करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने को कहा। इस पर अधिकारियों ने बताया कि इस पुल का निर्माण 1905 में किया था। तत्कालीन वायसराय लार्ड कर्जन के नाम पर इसका नामकरण हुआ था। बाद में इसका नाम मोतीलाल नेहरु ब्रिज रखा गया।

करीब दो किलोमीटर लंबा यह पुल प्रयागराज को लखनऊ, प्रतापगढ़ और फैजाबाद से जोड़ता है। इसमें नीचे ट्रेन चलती थी और ऊपर सड़क मार्ग है पुल जर्जर होने लगा तो इसके बगल में 1988 में चंद्रशेखर आजाद सेतु बनाया गया और बड़े वाहन उससे गुजरने लगे। इसके अलावा ट्रेन के लिए भी दूसरा ब्रिज बनाया गया और फिर 1988 से इस पर से ट्रेनों और वाहनों का आवागमन बंद करा दिया गया।

पांच साल पहले रेलवे इसे कंडम घोषित कर नीलाम कराने की तैयारी करने लगा लेकिन लोगों के विरोध और इसकी ऐतिहासिकता को देखते हुए कुछ नहीं किया। तबसे इस धरोहर को पर्यटक स्थल बनाने की बात चल रही है। कमिश्नर ने कहा कि उस पर म्यूजियम बनाने के लिए सभी एंजिल पर जांच कर लें। इसके अलावा भरद्वाज पार्क को भी विकसित करने को कहा। शहर की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत को उजागर करने वाले प्रोजेक्ट पर विशेष ध्यान देते हुए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने को कहा।