शिमला से ज्यादा ठंडा रहा प्रयागराज। न्यूनतम पारा चार डिग्री सेल्सियस के रिकार्ड स्तर पर रिकार्ड किया गया। इससे पहले पिछले वर्ष 12 फरवरी को 3.7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। मंगलवार इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। तापमान के लिहाज से शिमला से ज्यादा प्रयागराज ठंडा रहा।
गलन वाली ठंड का प्रकोप शीतलहरी के कारण प्रचंड रहा। लोगों के हाथ पैर के तलुए सुन्न ही नहीं हुए नसों में खून जमाने वाली ठंड महसूस की गई। सुबह घना कोहरा फिर धुंध छाई रही। दिन भर सर्द हवाएं नश्तर की तरह चुभती रहीं। दोपहर बाद निकली धूप बेहद कमजोर रही। मौसम विज्ञानी प्रोफेसर एचएन मिश्रा के मुताबिक अभी ठंड प्रभावी रहेगी। अगले 72 घंटों में बादलों की धमाचौकड़ी हो सकती है। गरज चमक के साथ बारिश और ओलावृष्टि के भी आसार हैं।
सुबह की कोहरा परेशानी का कारण बना। कोहरा छंटा तो धुंध फिर कुछ घंटे के लिए बादलों की आवाजाही ठंड कड़क होने का कारण बनी। दोपहर करीब 12 बजे सूर्यदेवता ने दर्शन भले ही दिए, लेकिन सर्द हवाओं के आगे सूरज बेदम दिखा। थोड़ी देर के लिए निकली धूप लोगों को ठंड से राहत नहीं दे सकी। लोगों को शीतलहरी के कारण घरों के दरवाजे बंद रखने पड़े।
लोगों ने दिन भी अलाव जलाए। घरों में हीटर, ब्लोअर के साथ आग से बचाव के इंतजाम किए गए। मंगलवार को इस साल का सबसे ठंड दिन दर्ज किया गया। चार डिग्री तापमान के साथ शिमला की ठंड फीकी पड़ गई। मौसम विभाग के मुताबिक शिमला में न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
शीत लहर का असर तो पिछले कई दिनों लोगों की परेशानी का कारण बना है, लेकिन मंगलवार को अचानक न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। रात के इस तापमान में करीब चार डिग्री की कमी रही। वहीं दिन का अधिकतम तापमान भी सामान्य से काफी कम 12.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पारा अचानक लुढ़कने से पूरे दिन हाड़ कंपाने वाली ठंड रही। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा।
हालांकि दोपहर बाद कुछ चहल-पहल जरूर बढ़ी, लेकिन शाम को स्थिति फिर सिर्फ जरूरी आवाजाही तक सीमित हो गई। ठंड से परेशान लोगों ने शाम को बाहर निकलने से परहेज किया। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट के कारण घरों के अंदर भी गलन का अहसास होता रहा। चौराहों पर भी अलाव के आस-पास लोगों का जमघट देखने को मिला। ठंड के प्रकोप से सड़क पर घूमने वाले जानवरों पर भी साफ दिखा। वे भी अलाव के पास ठंड से बचने का प्रयास करते नजर आए।