प्रयागराज : पारिवारिक कलह बनी मौत का कारण

0
116

उत्तर प्रदेश: बेटी को पढ़ाई के लिए डांटने पर पति से विवाद और फिर सुसाइड, कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) जिले से सामने आया है। जिसमें महिला अधिकार संगठन की नगर अध्यक्ष शानू जौहर ने सोमवार को पारिवारिक कलह के चलते साड़ी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मरने से पहले सोशल मीडिया पर भी एक्टिव थी, जहाँ उन्होंने भावुक पोस्ट शेयर किया।

बच्चियों की पढ़ाई के लिए थी परेशान

प्रयागराज (Prayagraj) के बैहराना क्षेत्र में रहने वाली शानू की शादी 16 साल पहले कविश जौहर से हुई थी। जहाँ वह दोनों कीडगंज थाना के जायसवाल हाता में किराए का मकान लेकर रहते थे। कविश जौहर एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक हैं जिनकी दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी चिंकी (15 वर्ष) हाईस्कूल की छात्रा है। छोटी बेटी पीहू (6 वर्ष) अभी यूकेजी में पढ़ती है।

शानू के पति कविश ने बताया, “शानू बच्चियों की पढ़ाई के लिए हमेशा से ही बोलती रहती थी। बड़ी बेटी (चिंकी) की बोर्ड की परीक्षा चल रही है जिस वजह से शानू रोज बेटी को पढ़ने के लिए बोलती थी। उसे लगता था कि चिंकी का मन आज-कल पढ़ाई में नहीं, बल्कि गलत कामों में लग रहा है। मैं उसको बोलता था कि हमारी बेटी की संगति गलत नहीं है, फिर भी वह शक करती रहती थी। उसका सपना था कि बेटियां पढ़-लिखकर अच्छी नौकरियां पा जाएं।

मरने से पहले तनाव में थी शानू

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार की शाम चिंकी मोबाइल पर किसी से बात कर रही थी। इस बात से शानू को गुस्सा आ गया। उसने चिंकी को डांटा, मना किया तो बेटी ने भी जवाब दे दिया। तभी गुस्सा होकर शानू ने चिंकी को थप्पड़ जड़ दिया। जिस पर पति ने नाराज होकर अपनी पत्नी की पिटाई कर दी। उसे खूब भला-बुरा कहा। इस बात से शानू तकलीफ में थीं। पारिवारिक कलह के चलते तनाव में आ गईं। उस दिन उन्होंने खाना भी नहीं खाया था।

अगले दिन सोमवार को शानू ने यह दुःखद कदम उस वक़्त उठाया जब उनके पति कविश सुबह ड्यूटी पर चले गए। इधर, छोटी बेटी पीहू भी स्कूल और चिंकी (बड़ी बेटी) बोर्ड की परीक्षा देने चली गई। इसी बीच शानू ने कमरे में जाकर साड़ी के फंदे से फांसी लगा ली।

माँ का लटका शव देख मची चीख-पुकार

दोपहर 2 बजे के करीब पीहू स्कूल से आई। उसने दरवाजा खटखटाया, लेकिन माँ ने कोई जवाब नहीं दिया। जिसके बाद चिंकी जब घर लौटी तो उसने कमरे की खिड़की से झांका तो माँ का शव लटकता देख चीख पुकार निकल गई। फोन कर पिता को घटना के बारे में बताया। पिता कविश तत्काल घर पहुंचे और दरवाजा तोड़कर अस्पताल ले गए। यहाँ पर 6 घंटे इलाज चलने के बाद रात करीब 8 बजे शानू की मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मंगलवार पोस्टमार्टम के बाद शव करीब साढ़े 3 बजे घर पहुंचा। पांच बजे के करीब शव का अंतिम संस्कार हुआ।

महिला अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजू पाठक ने दी जानकारी

महिला अधिकार संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजू पाठक ने बताया कि शानू अपने पति व बच्चों से परेशान रहती थीं। उनके पति नशेड़ी है। घरेलू कलह से तनाव में थीं। इस वजह से अपनी दोनों बेटियों के भविष्य को लेकर उन्हें चिंता रहती थी। पारिवारिक कलह के चलते ही शानू ने खुदकुशी कर ली है। वहीं, अभी बच्चे व पति कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।

मृतक शानू की बेहद करीबी रही मंजू पाठक ने कहा कि कविश अपनी पत्नी से प्यार नहीं करता था। जब शानू के शव को कंधा देने की बात आई तो भी पीछे हटने लगे। महिला संगठन की महिलाएं व समाज के अन्य पुरुष लोग आगे आएं, तब जाकर उसने अपनी पत्नी को कंधा दिया। जिसके बाद, अन्त्येष्टि स्थल पर भी वह एंबुलेंस से नहीं, बल्कि अपनी गाड़ी से पहुंचे। लोगों के कई बार कहने पर शव को मुखाग्नि दी।

स्टेटस लगा किया सुसाइड

शानू ने सुसाइड करने से पहले सोशल मीडिया पर दिल की बात में लिखा- अपने जीवन से थक चुकी हैं।” फेसबुक पोस्ट किया, “आखिर थक ही गए, हम सभी को खुश करते-करते और अपने आप को सही साबित करते।”