Manish Sisodia पर विपक्षी नेताओं ने जासूसी कराने का आरोप लगाया

जासूसी कराने के आरोप में सीबीआई ने गृह मंत्रालय से दिल्ली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर केस चलाने की आज्ञा मांगी है।

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Delhi: केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने बुधवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के खिलाफ कार्रवाई करने की मंजूरी दे दी है। दरअसल, मनीष सिसोदिया पर विपक्षी नेताओं की जासूसी कराने का आरोप लगा है। इस मामले में सीबीआई (CBI) ने गृह मंत्रालय से दिल्ली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) पर केस चलाने की आज्ञा मांगी है।

मिली जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2015 में सत्ता में आने के बाद दिल्ली सरकार ने एक फीडबैक यूनिट (FBU) बनाई थी। जिसका कार्य सभी डिपार्टमेंट पर निगाह रखना था। सरकार का कहना था इससे उनकी मंशा ये है कि विभागों के भ्रष्टाचार पर नजर रखी जा सके। हालांकि, बाद में सरकार पर आरोप लगा कि इसके जरिए दिल्ली सरकार विपक्षी दलों के कामकाज पर नजर रख रही थी।

FBU ने की प्रमुख राजनीतिक व्यक्तियों की जासूसी

दिल्ली सरकार के विजिलेंसडिपार्टमेंट के एक अफसर की शिकायत पर सीबीआई (CBI) ने प्रारंभिक जांच की। वर्ष 2016 में एजेंसी की तरफ से कहा गया कि सौंपे गए कार्य के अलावा, एफबीयू (FBU) ने प्रमुख राजनीतिक व्यक्तियों की जासूसी की थी। सीबीआई के अनुसार, आठ मंथ के दौरान एफबीयू ने सात सौ से ज्यादा मामलों की जांच की थी। इनमें से साठ प्रतिशत मामलों में राजनीतिक खुफिया जानकारी जुटाई गई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, एफबीयू (FBU) की स्थापना के लिए कोई प्रारंभिक मंजूरी नहीं ली गई थी, परन्तु अगस्त 2016 में सतर्कता विभाग ने अनुमोदन के लिए फाइल तत्कालीन एलजी नजीब जंग (LG Najeeb Jung) के पास भेजी थी। एलजी नजीब जंग ने दो बार फाइल को रद्द कर दिया। इसी बीच एलजी नजीब जंग ने एफबीयू (FBU) में प्रथम दृष्टया अनियमितता पाई और मामले को सीबीआई (CBI) को सौंप दिया।

सीबीआई (CBI) ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी खजाने में नुकसान का भी जिक्र किया था। एजेंसी की मानें तो फीडबैक यूनिट (Feedback Unit) के गठन और काम करने के गैरकानूनी तरीके से सरकारी खजाने को लगभग 36 लाख रुपये का नुकसान हुआ। सीबीआई ने कहा था कि, किसी अफसर या डिपार्टमेंट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।