प्रयागराज (Prayagraj) माघ मेले के आखिरी दिन महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर मंगलवार को संगम में पुण्य की डुबकी के लिए सोमवार को तैयारियां पूरी कर ली गईं। संगम समेत गंगा के छह स्नान घाटों पर आखिरी डुबकी लगेगी। इसके लिए शहर से लेकर पूरे पूर्वांचल तक के श्रद्धालु उमड़ेंगे। इसी के साथ माघ मेले का समापन हो जाएगा।
महाशिवरात्रि के स्नान पर्व पर मेला प्रशासन की ओर से अस्थाई तौर पर छह घाटों का निर्माण कराया गया है। स्नान घाटों पर महिलाओं के कपड़े बदले के लिए चेंजिंग रूम और प्रसाधन की सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिन घाटों पर प्रसाधन की उपलब्धता नहीं है, वहां नगर निगम के मोबाइल शौचालय लगाए जाएंगे।
मंडलायुक्त संजय गोयल ने माघ मेले के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर तैयारियों की मेला प्राधिकरण कार्यालय के आई ट्रिपल सी सभागार में समीक्षा की। उन्होंने मेला क्षेत्र में घाटों के अलावा शौचालयों की उपलब्धता और साफ-सफाई के निर्देश दिए। मंडलायुक्त ने सड़कों से लेकर घाटों तक सफाई कर्मियों को तैनात करने के भी निर्देश दिए। कल्पवासियों की रवानगी के बाद मेला क्षेत्र में तंबुओं की नगरी की बसावट खत्म हो गई है।
ऐसे में महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की सुगमता के लिए मेला प्रशासन की ओर से मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है। अफसरों के मुताबिक महाशिवरात्रि पर मेला क्षेत्र में 650 शौचालयों की व्यवस्था की गई है।
कोविड हेल्प डेस्क के अलावा एंबुलेंस की भी व्यवस्था संगम समेत हर स्नान घाटों के अलावा परेड में करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से मेला क्षेत्र में अभी भी तीन प्राथमिक चिकित्सा केंद्र एवं एक अस्पताल संचालित है, ताकि महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं को जरूरत पड़ने पर उपचार की सुविधा मिल सके।
महाशिवरात्रि स्नान पर्व पर शिव मंदिरों के आसपास सफाई के साथ ही मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं। मंडलायुक्त संजय गोयल ने सोमेश्वर महादेव, मनकामेश्वर महादेव के अलावा नाग वासुकि मंदिरों के आसपास बिजली,पानी, सफाई की व्यवस्था के साथ ही पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। महाशिवरात्रि की तैयारियों की समीक्षा के दौरान मेलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान, एसपी मेला राजीव नारायण मिश्रा समेत कई अधिकारी मौजूद थे।