नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने सोमवार को संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ‘निराश’ हैं, लेकिन हतोत्साहित नहीं हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा, ‘निराश हूं लेकिन हतोत्साहित नहीं। संघर्ष जारी रहेगा, यहां तक पहुंचने में बीजेपी को दशकों लग गए। हम लंबी दौड़ के लिए भी तैयार हैं।’
वही डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद ने संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ‘दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया, लेकिन कहा कि ‘हमें इसे स्वीकार करना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘यह (अदालत का फैसला) दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है।’
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘हम इसका पूरी तरह से स्वागत करते हैं जब 370 हटाया गया था तभी हमने इसका स्वागत किया था क्योंकि यह अस्थाई था उस समय पंडित नेहरू ने भी यही कहा था। अब बात है कि जम्मू-कश्मीर का स्टेटहुड बहाल होगा। जल्द से जल्द चुनाव होंगे। लोगों की आवाज जल्द से जल्द विधानसभा में गूंजेगी।’
प्रियंका गांधी वाड्रा ने आगे कहा कि, ‘मैं बस इतना कहूंगी कि 370 हटाना जरूरी था। उसके हटाने के बाद सरकार ने तीन वादे किए थे जल्द से जल्द चुनाव होंगे। कश्मीरी भाई बहन वापस लौटेंगे आतंकी हमले खत्म होंगे। आतंकी हमले खत्म नहीं हुए हैं, भाई-बहन वापस नहीं गए हैं। अब कश्मीरी भाइयों को एक नया कश्मीरी माइग्रेंट की उपाधि देने जा रहे हैं। देखिए इंडिया गठबंधन में यह नहीं है कि आप हां बोलिए तो हां और न बोलिए तो न। उठो तो उठो सब पार्टी की अपनी अपनी राय है।’
वही महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘हिम्मत नहीं हारे, उम्मीद न छोड़े, जम्मू-कश्मीर ने कई उतार-चढ़ाव देखे है। सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला यह एक मुश्किल पड़ाव है, यह मंजिल नहीं है। हमारे विरोधी चाहते हैं कि हम उम्मीद छोड़कर इस शिकस्त को स्वीकार करें। यह हमारी हार नहीं यह देश के धैर्य की हार है।’ इनके अलावा अन्य नेताओ ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है।