स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से प्रयागराज के संगीत प्रेमियों से लेकर आम जन तक शोक की लहर है। सभी अपनी श्रद्धांजलि उन्हें अर्पित कर रहे हैं। लता मंगेशकर की संगम प्रयागराज (Prayagraj) आने की बहुत इच्छा थी। मुंबई स्थित अपने आवास प्रभुकुंज में उन्होंने कहा था कि प्रभु की जब इच्छा होगी तब संगम स्नान के लिए जाएंगी। हालांकि उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी।
प्रयागराज (Prayagraj) के सुप्रसिद्ध भजन गायक मनोज गुप्ता 12 वर्ष पूर्व की लता मंगेशकर की यादों को ताजा करते हुए रुंधे गले से कहा। वह यही बताते हैं कि लता जी जितना मीठा गाती थीं, उनसे मुलाकात में उतनी ही मीठी बातें भी हुई थीं। लता मंगशकर से मुलाकात की यादें बताते हुए मनोज गुप्ता ने कहा कि संगीतांजलि परिवार के साथ वे मुंबई गए थे। गुजराती महोत्सव पर एक सीडी तैयार हुई थी। उसी को लता जी को भेंट करने गए थे। अनुपम राय भी साथ में थे। कहा कि लता मंगेशकर से उनके आवास पर करीब आधे घंटे की मुलाकात हुई थी। जब उन्होंने जाना कि हम प्रयागराज से उनके पास गए हैं तो उन्हें खुशी की अत्यंत अनुभूति हुई थी।
उन्होंने कहा था कि संगम प्रयागराज जाने की बहुत इच्छा है, कभी आएंगी जब भगवान चाहेगा। उन्होंने कहा था कि दुनिया भर में भ्रमण कर चुकी हैं लेकिन दुनिया जिस संगम के जल को पूजती और उसमें स्नान करने जाती है वहां उनकी भी जाने की बेहद तमन्ना है।
कथक नृत्यांगना उर्मिला शर्मा कहती हैं कि लता जी प्रयागराज तो नहीं आईं लेकिन उनकी अनुभूति हम सब हमेशा करते रहे हैं। कहा कि उन्होंने भारतीय संगीत को पूरी दुनिया में पहुंचाया। फिल्मी गीतों ही नहीं, फौजियों के लिए भी उनके द्वारा गाया गीत ‘ए मेरे वतन के लोगों’ अमर हो गया। उर्मिला शर्मा ने कहा कि चाहे संगीत प्रेमी हों या अन्य कोई भी, लता जी के गीत सभी गुनगुनाते हैं यही इस देश की आन बान और शान लता मंगेशकर को संगीतकारों में एक अलग ही स्थान देता है।