जानें राजस्थान के चमत्कारिक मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से जुड़ा इतिहास व् धार्मिक महत्त्व

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हमारे देश को मंदिरों का देश कहा जाता है, यहां लाखों मंदिर हैं, लेकिन कुछ मंदिरों में भक्तों की गहरी आस्था हैं, जिससे वो मंदिर विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान के दौसा जिले में हनुमान भगवान जी का है। जिसे मेहंदीपुर बालाजी मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर को चमत्कारिक बोलने के पीछे बहुत सारी कहानियां भी हैं। मान्यता है कि काले जादू और बुरी आत्माओं से पीड़ित लोगों को यहां पर छुटकारा मिलता है।

ऐसी भी मान्यता है जो इंसान लंबे समय से बीमार है और उसपर कोई दवाई भी असर नहीं कर रही है, तो इस मंदिर में आने के बाद लोगों को बीमारी में आराम मिलता है। हनुमान जी को वैसे भी संकट मोचक कहा गया है, जो इस मंदिर में आने के बाद सच साबित होता प्रतीत होता है। देशभर से भक्तों की भारी भीड़ इस मंदिर पर पूरे साल जमा रहती है।आइए जानते हैं मंदिर के धार्मिक महत्व के बारे में।

बालाजी मंदिर का धार्मिक महत्व ?

मेहंदीपुर बालाजी में हनुमान भगवान का देश का सबसे बड़ा मंदिर कहा जाता है। मेहंदीपुर बालाजी में हनुमान जी के हर रोज पूजा की जाती है, लेकिन हर मंगलवार, शनिवार को इस मंदिर में पुजारी और भक्त विशेष पूजा अर्चना और व्रत करते हैं। जिससे मंगलवार और शनिवार इस मंदिर में भारी भीड़ होती है। कहा जाता है कि इस मंदिर में अगर किसी पर कोई निगेटिव एनर्जी का प्रभाव है, तो वो हनुमान जी के दर्शन के बाद उससे पीड़ित इंसान को छुटकारा मिलता है।

जानें बालाजी मंदिर का इतिहास

अरावली पर्वत पर बने इस मंदिर को एक हज़ार साल पुराना बताया जाता है। दो पहाड़ियों के बीच बना यह मंदिर खूबसूरत होने के साथ ही हिंदुओं के पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है। जिसमें हनुमान भगवान की विशेष पूजा और अर्चना की जाती है। कहते हैं कि इस मंदिर से कोई खाली हाथ नहीं लौटता। भक्तों की हर मनोकामना हनुमान जी पूरी करते हैं।

कैसे पहुंचे मेहंदीपुर बालाजी मंदिर ?

राजस्थान के दौसा जिला में भगवान हनुमान जी के इस प्रसिद्ध मंदिर बस, ट्रेन, टैक्सी और फ्लाइट से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं। दिल्ली से मंदिर की दूरी 250 किमी के आसपास है। देश के सभी कोने से मंदिर के लिए यातायात की सभी सुविधाएं मौजूद हैं।