कौशांबी: शीतला मन्दिर में नवरात्रि के पहले दिन उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

मान्‍यता है कि यहां माता सती का कर यानी हाथ गिरा था। इससे इस धाम का महात्‍म्‍य और भी बढ़ जाता है।

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Kaushambi News: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जनपद के सिराथू तहसील स्थित कड़ा धाम शीतला माता का मंदिर प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यह 51 शक्तिपीठों में शामिल है। चैत्र व शारदीय नवरात्र में यहां दूर-दूर से लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। शक्तिपीठ मां शीतला देवी को पुत्र देने वाली देवी भी कहा जाता है। मान्‍यता है कि यहां माता सती का कर यानी हाथ गिरा था। इससे इस धाम का महात्‍म्‍य और भी बढ़ जाता है। कहा जाता है कि जो भक्त मंदिर के कुंड को जल, दूध, फल व मेवे से भरवाता है उसे मनोवांछित फल मिलता है।

सैंकड़ों वर्षों से शीतला धाम कड़ापीठ शक्ति उपासकों का केंद्र रहा है। स्‍कंद पुराण के अनुसार भगवान शिव की भार्या सती ने जब अपने पिता दक्ष के अपमान को सहन न कर पाने की स्थिति में यज्ञ कुंड में कूदकर प्राण त्याग दिया तो उनके वियोग से आक्रोशित भगवान शिव सती का शव लेकर सभी लोकों में भ्रमण करने लगे। उनके क्रोधित रूप को देखकर तीनों लोकों में हलचल मच गई। देव मनुष्य सभी प्राणी भयभीत हो गए थे। शिवशंकर के क्रोध की अग्नि की ज्‍वाला से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से देवी सती के मृत शरीर के 51 टुकड़े किए। मान्‍यता के अनुसार सती के शव के ये टुकड़े जहां भी गिरे वहीं एक शक्तिपीठ स्थापित हुआ।