जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामला: आरोपी सलमान को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

इस सीरियल ब्लास्ट मामले में बरी किए गए आरोपियों के खिलाफ पीड़ित परिवारों और राजस्थान सरकार की याचिका पर सुप्रीम ने ट्रायल कोर्ट से सभी रिकार्ड भी तलब किए।

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जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामले में आरोपी सलमान को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी सलमान को जमानत देने से इनकार कर दिया। दरअसल, सलमान के पास जिंदा बम मिले थे। आरोपी ने इस मामले में खुद को नाबालिग बताकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। यह मामला साल 2008 का है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में साल 2008 में बम धमाकों और हताहतों के खून से लाल हो गई थी। इस सीरियल ब्लास्ट मामले में बरी किए गए आरोपियों के खिलाफ पीड़ित परिवारों और राजस्थान सरकार की याचिका पर सुप्रीम ने ट्रायल कोर्ट से सभी रिकार्ड भी तलब किए।

सुप्रीम कोर्ट ने सीरियल ब्लास्ट मामले में आरोपियों को बरी करने वाले हाईकोर्ट के आदेश में उनकी अपील पर पहले ही कोई भी संशोधन या कार्रवाई करने से इनकार कर दिया था। आरोपियों ने हाईकोर्ट के उस आदेश में संशोधन करने की गुहार सर्वेच्च अदालत से लगाई थी, जिसमें आरोपियों को संबंधित थाने में रोज हाजरी लगाने का आदेश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश में किसी भी तरह का बदलाव करने से मना कर दिया।

पीड़ित परिवारों और राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बता दें कि साल 2019 में निचली अदालत ने 2008 में सीरियल ब्लास्ट मामले में चार दोषियों को फांसी की सज़ा दिए जाने का फैसला सुनाया था। उसी साल 29 मार्च को अपने आदेश में हाईकोर्ट ने दोषियों को बरी कर दिया था। बता दें कि 2008 में जयपुर ब्लास्ट में 71 लोगों की मौत हो गई थी। उन धमाकों में 185 लोग घायल भी हुए थे। आरोपी सलमान को जयपुर के सांगानेरी गेट पर मौजूद हनुमान मंदिर के पास बम करने का दोषी माना गया था।

बता दें कि 13 मई 2008 को जयपुर एक के बाद एक सिलसिलेबार 8 धमाकों से दहल गया। जयपुर के मेन बजारों और मंदिरों के बाहर हुए बम धमाकों में 71 लोगों की जान चली गई थी और 185 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। चारों आरोपियों मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी, सैफुर्रहमान और मोहम्मद सलमान को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अदालत में चली लंबी सुनवाई के बाद चार दोषियों को सजा ए मौत दी गई थी। हालांकि बाद में हाई कोर्ट ने चारों को बरी कर दिया गया था, जिसके बाद मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।