शीतला सप्तमी सबसे प्रसिद्ध हिंदू त्योहारों में से एक है। हिंदू शीतला सप्तमी (सप्तमी) चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष के सातवें दिन मनाते हैं जो होली के सात दिन बाद आती है। यह त्यौहार उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है।
शीतला सप्तमी 2024: तिथि और समय
- सप्तमी तिथि प्रारम्भ – 31 मार्च 2024 – रात्रि 09:30 बजे
- सप्तमी तिथि समाप्त – 1 अप्रैल, 2024 – रात्रि 09:09 बजे
- सीताला सप्तमी पूजा मुहूर्त – 1 अप्रैल, 2024 – सुबह 05:40 बजे से शाम 06:01 बजे तक
हिंदू संस्कृति का एक अनिवार्य हिस्सा
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी शीतला देवी दुर्गा और मां पार्वती का अवतार हैं। वह प्रकृति की उपचार शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है और कहा जाता है कि वह चेचक, चिकनपॉक्स, खसरा आदि जैसी बीमारियों को नियंत्रित करती है। शीतला शब्द का संस्कृत में अर्थ ‘शीतलता’ या ‘कूल’ होता है। भक्त इस शुभ दिन पर सुरक्षित रहने और बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए देवता की पूजा और प्रार्थना करते हैं। यह त्योहार स्कंद पुराण में वर्णित है और हिंदू संस्कृति का एक अनिवार्य हिस्सा है।
महत्वपूर्ण प्रथा
इस दिन की सबसे महत्वपूर्ण प्रथा यह है कि कोई भी ताजा भोजन नहीं पकाया जाता है। भक्त खाना पकाने से बचते हैं और केवल एक दिन पहले तैयार किया गया भोजन ही खाते हैं। वे सूर्योदय से पहले उठते हैं, स्नान करते हैं और शीतला माता का आशीर्वाद लेने के लिए उनके मंदिर जाते हैं। विभिन्न पूजाएँ और अनुष्ठान किए जाते हैं, और भक्त देवी से आनंदमय, स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं। महिलाएं अपने परिवार के सदस्यों की सलामती के लिए दिन भर का व्रत रखती हैं।