10 भारतीय एप पर गूगल की कार्रवाई, जाने क्यों प्लेस्टोर से हटाए गए ऐप्स

गूगल की इस कार्रवाई के बाद शादी डॉट कॉम के फाउंडर अनुपम मित्तल ने भी एक्स पर एक पोस्ट लिखा और कहा कि, "आज इंडियन इंटरनेट का काला दिन है। गूगल ने प्ले स्टोर से कई बड़े ऐप्स को डिलिस्ट कर दिया है, जबकि अभी भी कानूनी सुनवाई चल रही है।

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आज गूगल ने 10 बड़े भारतीय ऐप्स पर कार्रवाई करते हुए इन्हें प्ले स्टोर से हटा दिया है। इनमें शादी डॉट कॉम, नौकरी डॉट कॉम, 99 एकड़ डॉट कॉम जैसे पॉपुलर ऐप्स के नाम शामिल हैं। सर्च इंजन कंपनी गूगल प्ले स्टोर का कहना है कि उनकी गाइडलाइन का पालन इन ऐप डेवलपर्स ने नहीं किया है, इसलिए यह एक्शन लिया गया है।गूगल की इस कार्रवाई के बाद शादी डॉट कॉम के फाउंडर अनुपम मित्तल ने भी एक्स पर एक पोस्ट लिखा और कहा कि, “आज इंडियन इंटरनेट का काला दिन है। गूगल ने प्ले स्टोर से कई बड़े ऐप्स को डिलिस्ट कर दिया है, जबकि अभी भी कानूनी सुनवाई चल रही है।

पेमेंट न होने की वजह से हटाया गया?

गूगल ने अपने प्ले स्टोर की पेमेंट पॉलिसी को अपडेट किया है। गूगल का कहना है कि इन भारतीय कंपनियों ने प्ले स्टोर की सर्विस फीस का पेमेंट नहीं किया है। इन ऐप्स को तैयारी के लिए तीन साल से भी ज्यादा का समय दिया गया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी तीन हफ्ते बीत चुके हैं। ऐसे में अब 10 भारतीय ऐप्स को हटा दिया है। गूगल के इस कदम की जमकर आलोचना की जा रही है। इंडियन स्टार्टअप इकोसिस्टम से जुड़े लोगों ने गूगल के इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। Shadi.com के फाउंडर अनुपम मित्तल ने ऐप्स को हटाने पर निराशा जताते हुए इसे “भारत के इंटरनेट के लिए काला दिन” करार दिया।

कोर्ट में लगाई याचिका

गूगल की इस कार्रवाई की भनक हाटए गए ऐप्स को लग गई थी। ऐसे में गूगल के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इन इंडियन ऐप डेवलपर्स ने पहले मद्रास हाई कोर्ट में गूगल प्ले स्टोर की बिलिंग पॉलिसी को चुनौती देने की याचिका दायर की थी। लेकिन कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया। उसके बाद इन ऐप्स ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई।

इन 10 एप्स को हटाया गया

गूगल ने प्ले स्टोर से जिन 10 इंडियन ऐप्स को हटा दिया है। उनमें Kuku FM, Bharat Matrimony, Shaadi.com, Naukri.com, 99 acres, Truly Madly, Quack Quack, Stage, ALTT (Alt Balaji)का नाम शामिल है। गूगल ने कहा था कि भारतीय एप डेवलपर्स को तैयारी के लिए तीन साल से ज्यादा समय दिया गया, इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिया गया तीन हफ्ते का समय भी शामिल है। गूगल ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठा रहा है कि उसकी नीतियां सभी पर एक समान लागू हों।