हिंदू धर्म में कई सारे व्रत है जो महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना से करती है इन्हीं में एक करवा चौथ का व्रत भी है जो शादीशुदा महिलाएं अपने पति की अच्छी सेहत और मंगलकामना से करती है। इस दिन महिलाएं पूरा दिन निर्जला उपवास रखते हुए पूजा पाठ करती हैं संध्याकाल में अपना व्रत चंद्रमा के दर्शन के बाद खोलती है।
पंचांग के अनुसार हर साल करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन का महिलाओं को बेसब्री से इंतजार होता है मान्यता है करवा चौथ का व्रत पूजन करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और शादीशुदा जीवन में बने तनाव भी दूर हो जाते हैं, तो ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा करवा चौथ व्रत की तारीख और इससे जुड़े अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
करवा चौथ व्रत की तारीख
धार्मिक पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात 9 बजकर 30 मिनट से आरंभ हो रही है जिसका समापन 1 नवंबर को रात 9 बजकर 19 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदयातिथि की मानें तो करवा चौथ का व्रत इस साल 1 नवंबर दिन बुधवार को करना उत्तम रहेगा।
करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त
अखंड सौभाग्य प्राप्ति वाले करवा चौथ व्रत के दिन महिलाएं शाम को चौथ माता, करवा माता और श्री गणेश की पूजा करती है और चंद्रमा के दर्शन कर उन्हें जल अर्पित करती है। ऐसे में करवा चौथ व्रत सुबह 6 बजकर 36 मिनट से रात 8 बजकर 26 मिनट तक किया जाएगा। वही पूजा का मुहूर्त शाम को 5 बजकर 44 मिनट से रात 7 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा चंद्रमा निकलने का समय रात 8 बजकर 26 मिनट का है।