बहुजन समाज पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया है। बसपा प्रमुख मायावती का कहना है कि किसी पार्टी के साथ गठबंधन करने से उन्हें चुनाव में चुकसान होगा। इसलिए उन्होंने अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि अब देश में लोकसभा चुनाव होने में कम समय रह गया है। अगर मेरे दिशा-निर्देश में पार्टी के लोग अच्छा रिजल्ट लाते हैं तो यही मेरे बर्थडे पर उनकी तरफ से मेरे लिए उपहार रहेगा। मैं ये बात फिर से कह रही हूं कि लोकसभा चुनाव हम अकेले ही लड़ेंगे। किसी पार्टी से गठबंधन नहीं कर रहे हैं। हमारी पार्टी अकेले इसीलिए लड़ती है क्योंकि सर्वोच्च नेतृत्व दलित समाज से है। हमारा वोट तो ट्रांसफर हो जाता है, लेकिन गठबंधन का वोट हमारे में ट्रांसफर नहीं होता है। 1993 में समाजवादी पार्टी और 1996 में कांग्रेस से गठबंधन किया था तब हमें कोई फायदा नहीं हुआ था।
उन्होंने आगे कहा कि गठबंधन को लेकर हमारा अनुभव यही रहा है कि गठबंधन से हमें नुकसान ज्यादा होता है। इसी वजह से देश में ज्यादातर दल बीएसपी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। चुनाव बाद गठबंधन करने पर विचार किया जा सकता है। मायावती ने कहा कि ईवीएम में काफी धांधली हो रही है, इसलिए बीएसपी को नुकसान हो रहा है। ईवीएम में धांधली को लेकर आवाजें उठने लगी हैं और हमें उम्मीद है कि जल्द ही ईवीएम पर रोक लगेगी।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि 4 बार हमारी सरकार रही है। हमने दलितों के लिए काम किया है। मुफ्त राशन देकर गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है। धर्म और संस्कृति की आड़ में जो राजनीति की जा रही है वो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। केंद्र और राज्यों में सत्ता लेकर ही हम बाबा साहेब अंबेडकर का सपना पूरा कर सकते हैं। कांग्रेस और बीजेपी व इनके सहयोगी दलों का व्यवहार जातिवादी और संप्रदाय वादी रहा है।
बसपा प्रमुख मायावती ने राम मंदिर के निमंत्रण पर कहा कि मुझे इसका निमंत्रण मिला है, जाने का अभी कोई फैसला नहीं लिया है क्योंकि मैं अपने पार्टी के कार्यक्रम को लेकर व्यस्त हूं। इसको लेकर हमें और हमारी पार्टी को कोई एतराज नहीं है।