विभाग के कई प्रयासों के बावजूद भी मेरठ के कई अस्पतालों में अग्निशमन के लिए कोई उचित इंतजाम नहीं है। गर्मी के मौसम में आगजनी की घटनाये बढ़ जाती है, ऐसे में अस्पताल जैसी जगहों पर अग्निशमन के उचित इंतजाम न होना चिंताजनक है। विभाग नोटिस जारी करने तक सीमित है, वही ये लापरवाही लोगो की सुरक्षा पर भारी पड़ सकती है।
जिले के कई अस्पतालों में फायर एनओसी की कोई व्यवस्था नहीं
आपको बता दे कि मेरठ के लगभग 30 फीसदी अस्पतालों में फायर एनओसी की कोई व्यवस्था नहीं है। इनमे से कई अस्पताल गली मोहल्लो में भी स्तिथ है। ऐसे में इन अस्पतालों में अग्निशमन की कोई व्यवस्था न होना चिंताजनक है। और भी कई अस्पतालो में बड़े स्तरों पर लापरवाही बरतते हुए आग से बचाव के कोई इंतजाम नहीं किये गए है। ये सीधा सीधा लोगो की जान और सुरक्षा से खिलवाड़ है। इन अस्पतालों में मानक अधूरे है और सुरक्षा उपकरणों को लेकर उदासीन दिखाई दिए।
पुरानी ईमारतो में स्थित अस्पतालों में भी स्तिथि चिंताजनक
मेरठ में कई अस्पताल पुरानी इमारतों में स्थित है और इन इमारतों में स्तिथ अस्पतालों में भी अग्निशमन के पर्याप्त इंतजाम नहीं किये गया है। कई सालो पहले बनी इन इमारतों में अंदरूनी वायरिंग की फिटिंग होने से शार्ट सर्किट जैसी घटनाएँ बढ़ जाती है, अतः इनसे बचाव के पर्याप्त इंतजाम होना अनिवार्य है। लेकिन चिंताजनक ये है की इन अस्पतालों में भी आग बुझाने को लेकर कोई इंतजाम नहीं किये गए है। यहाँ तक की जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज में आग बुझाने के यंत्रो लिए करोड़ो रुपए खर्च किये गए जबकि धरातल पर अग्निशमन की व्यवस्थाएं शून्य हैं। मेरठ सीएमओ डॉ अखिलेश मोहन कहना है कि समय समय अस्पतालों का निरीक्षण और जाँच करवायी जाती है। जिन अस्पतालों के मानक अधूरे है, उन अस्पतालों पर नोटिस देकर कार्यवाही कराई जाएगी।