Tamilnadu: YouTuber Manish Kashyap मनीष कश्यप ने चंपारण पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है, यह खुलासा होने के बाद कि उसने तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हमले की फर्जी खबर फैलाई थी। तमिलनाडु में मजदूरों पर जानलेवा हमले की फर्जी खबर को लेकर चंपारण पुलिस के सामने सरेंडर करने वाले यूट्यूबर मनीष कश्यप ने एक बार 2020 में चुनाव लड़ा था।
जब से उन्होंने बिहार के प्रवासी मजदूरों को कथित तौर पर परेशान करते हुए एक वीडियो साझा किया था तभी से YouTuber Manish Kashyap बिहार और तमिलनाडु पुलिस के रडार पर थे। वीडियो को एक हजार बार देखा गया और इस घटना की जांच के आदेश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिए।
कौन हैं मनीष कश्यप
मनीष कश्यप (YouTuber Manish Kashyap) ने 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। नामांकन पत्र पर मनीष ने अपना नाम ‘त्रिपुरारी कुमार तिवारी’ बताया था, जो उनका असली नाम है। जानकारी के मुताबिक, मनीष खुद को ‘बिहार का बेटा’ बताते हैं। 9 मार्च 1991 को जन्मे मनीष कश्यप बिहार के चंपारण के रहने वाले हैं। उन्होंने 2009 में कक्षा 12 पास की और बाद में बिहार के महारानी जानकी कुंवर कॉलेज में प्रवेश लिया, जहाँ से उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा पूरी की। यूट्यूबर ने साल 2016 में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। बाद में, उन्होंने YouTube पर वीडियो बनाना शुरू किया।
मनीष कश्यप के खिलाफ मामला
इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ हिंसा के आरोपों को खारिज करते हुए दहशत फैलाने वाले व अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की चेतावनी दी थी। उन्होंने अपने बिहार समकक्ष नीतीश कुमार को भी आश्वस्त किया कि श्रमिकों को कोई नुकसान नहीं होगा।
इस महीने की शुरुआत में इस मुद्दे ने बिहार विधानसभा को हिलाकर रख दिया, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने कार्यवाही को रोक दिया। उन्होंने दावा किया कि तमिलनाडु में हिंदी बोलने के लिए बिहारी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। आरोपों की जाँच करने वाली बिहार के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समिति ने भी पुष्टि की कि दक्षिणी राज्य में ऐसा कोई हमला नहीं हुआ था।