OBC आरक्षण रद्द करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ योगी सरकार

निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार के द्वारा जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को रद्द करते हुए कहा था कि प्रदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के ही चुनाव कराये जाये|

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इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले के खिलाफ योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी है| सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गयी है| इस मामले की सुनवाई 4 जनवरी 2023 यानि बुधवार को होनी है|

बता दें कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने निकाय चुनावों को लेकर जारी नोटिफिकेशन को ख़ारिज कर दिया था| इस आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

राज्य सरकार की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट पांच दिसंबर की मौजूदा अधिसूचना को ख़ारिज नहीं कर सकता है| जिसमें अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों के अलावा अन्य पिछड़े वर्गों के लिए शहरी निकाय चुनावों में सीटों के आरक्षण का प्रावधान करता है।

वहीं, योगी सरकार ने हाल ही में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को आरक्षण देने के लिए सभी मामले पर विचार करने के लिए पांच सदस्यीय आयोग नियुक्त किया है।

कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था OBC आरक्षण

बता दें कि, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को सरकार की नगर निकाय चुनाव संबंधी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को ख़ारिज करते हुए राज्य में नगर निकाय चुनाव बिना कोर्ट के कराने की अनुमति दी थी|

इसके साथ ही लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग को अनुमति दी थी कि ओबीसी सीटों को जनरल वर्ग की सीटें मानते हुए स्थानीय निकाय चुनाव को 31 जनवरी, 2023 तक पूर्ण करा लिया जाये|