यूपी के गोरखपुर जिले में चुनाव का रोमांच बढ़ता जा रहा है। योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भीम आर्मी के चन्द्रशेखर आजाद ‘रावण’ चुनाव लड़ रहे है। चन्द्रशेखर के आने से किसी को परेशानी हो या ना हो लेकिन बसपा की टेंशन जरूर बढ़ गई है। बसपा का एक वोट बैंक है, जो इस पार्टी को किसी भी हाल में मिलता रहा है। अचानक गोरखपुर सदर से रावण के आने से अब बसपा अपने वोट बैंक को कैसे बचाए, ये परेशानी उसके सामने आ खड़ी हुई है। वहीं गोरखपुर में ये भी चर्चा हो रही है कि समाजवादी पार्टी योगी के खिलाफ प्रत्याशी ना खड़ा कर चंद्रशेखर आजाद को ही सपोर्ट करेगी। समाजवादी पार्टी के सपोर्ट के बाद चंद्रशेखर भी योगी को अच्छे से चुनौती दे पाएंगे, क्योंकि गोरखपुर में योगी सरकार का दबदबा है, ऐसे में वहा से उनको हराना किसी चुनौती से कम नहीं है। अब ये देखना और दिलचस्प होगा की वहा किसकी जीत होती है।
गोरखपुर की धरती को सामंतवादी क्रूर शासक से मुक्त कराने आ रहा हूं। यहीं से बहुजन मुक्ति का इंकलाब होगा। गुलामी की बेड़ियां काटकर नई बहुजन क्रांति का आगाज होगा। ये लड़ाई अब शासक बनाम जनता की है। आज ओर कल दो दिन गोरखपुर रहूँगा। जय भीम, जय मण्डल।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) January 30, 2022
हाल ही में ट्वीट कर , चंद्रशेखर आजाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को क्रूर शासक बताया है। रविवार को चन्द्रशेखर आजाद ने ट्विटर पर लिखा कि, गोरखपुर की धरती को सामंतवादी क्रूर शासक से मुक्त कराने आ रहा हूं। यहीं से बहुजन मुक्ति का इंकलाब होगा। गुलामी की बेड़ियां काटकर नई बहुजन क्रांति का आगाज होगा। ये लड़ाई अब शासक बनाम जनता की है। आज और कल मैं दो दिनों तक गोरखपुर में रहूंगा। गोरखपुर में अपनी लड़ाई को चन्द्रशेखर ने शासक बनाम जनता की लड़ाई करार दिया है। उन्होंने लिखा है कि वह दो दिनों तक गोरखपुर में रहेंगे और अपना चुनावी अभियान चलाएंगे, वहा के लोगों से संपर्क करेंगे ।
चंद्रशेखर आज़ाद अपनी राजनीति के शुरुआती दौर में धर्म व्यवस्था पर चोट करते रहे हैं। हालांकि यह कई धार्मिक या अन्य लोगों को उनका यह रवैया पसंद नहीं आया था। वहीं, इसके बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व का सबसे बड़ा चेहरा हैं। ऐसे में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि गोरखपुर की जनता योगी आदित्यानाथ के मुकाबले चंद्रशेखर आज़ाद को कितना पसंद करती है। चंद्रशेखर और आजाद समाज पार्टी का बेस वोट भी पश्चिमी यूपी में ज्यादा है। उसके अलावा भी यूपी की गोरखपुर सीट से चुनाव लड़ना एक बड़ा फैसला बताया जा रहा है।