Women’s Reservation Bill: खरगे और निर्मला सीतारमण के बीच वादविवाद

राज्यसभा में आज नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के बीच तीखी बहस हुई।

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महिला आरक्षण को राज्यसभा में आज नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के बीच तीखी बहस हुई। दरअसल, मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने बयान में कहा कि सभी राजनीतिक दलों की ऐसी आदत है कि वे कमजोर महिलाओं को टिकट दे देते हैं। मल्लिकार्जुन खरगे के इस बयान पर राज्यसभा में हंगामा शुरू हो गया। खरगे के बयान का जवाब निर्मला सीतारमण ने दिया। दोनों के बीच तीखी बहस भी हुई।

दरअसल, संसद की नई इमारत में राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महिला रिजर्वेशन बिल पर कहा कि अनुसूचित जाति की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि राजनीतिक दलों की आदत है कि वे कमजोर महिलाओं को टिकट दे देते हैं, वे उन महिलाओं को नहीं चुनते जो शिक्षित हैं और लड़ सकती हैं।

इस पर हंगामे के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, हम विपक्ष के नेता का सम्मान करते हैं लेकिन इस तरह का बयान देना कि सभी पार्टियाँ उन महिलाओं को चुनती हैं जो कमजोर हैं, यह हमें बिल्कुल मंजूर नहीं है। हम सभी को हमारी पार्टी ने सशक्त बनाया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक सशक्त महिला हैं। इस पर खरगे ने कह, ‘पिछड़े, एसटी की महिलाओं को ऐसे मौके नहीं मिलते जो उन्हें मिल रहे हैं, हम ये कह रहे हैं।’

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन में राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद अपने पहले संबोधन में कहा कि आज की नारी शक्ति के मन में ‘किंतु-परंतु’ का युग खत्म हो चुका है और उन्हें जितनी सुविधाएं दी जाएंगी, वे उतना ही सामर्थ्य दिखाएंगी।

उन्होंने लोकसभा में महिला आरक्षण संबंधी विधेयक पेश किए जाने का जिक्र करते हुए सदन के सदस्यों से इसे सर्वसम्मति से पारित किए जाने का अनुरोध किया। उन्होंने यह भरोसा जताया कि देश जब आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा तो वह ‘विकसित भारत’ होगा। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि पुराने संसद भवन में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना और नए संसद भवन में वह दुनिया की तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, नया संसद भवन सिर्फ एक नयी इमारत नहीं है बल्कि एक नयी शुरुआत का प्रतीक भी है। अमृत काल की शुरुआत में ही इस भवन का निर्माण होना और हम सब का प्रवेश होना अपने आप में हमारे देश के 140 करोड़ नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं में एक नई ऊर्जा भरने वाला बनेगा। नई आशा और विश्वास पैदा करने वाला बनेगा।