शनि देव (Shani Dev) जब नाराज होते हैं तो जीवन परेशानियों से भर देते हैं। शनि तन,मन और धन की हानि कराते हैं। इसलिए शनि देव को प्रसन्न रखना चाहिए। शनि की छाया, शनि की दृष्टि और साढ़ेसाती, ढैय्या से यदि परेशान हैं, तो ज्योतिष शास्त्र में शनि देव (Shani Dev) के प्रभावशाली मंत्र बताए गए हैं। इन मंत्रों का नित्य जाप कर आप शनि देव की कृपा पा सकते हैं-
शनि देव के मंत्र क्या है ?
- शनि (Shani Dev) का पौराणिक मंत्र ”ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।” का जाप करने से शनि बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं।
- ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:. इस मंत्र के जाप से कष्टों से निजात मिलती है।
- “प्रां प्रीं प्रौं सह शनैइशराय नमः” इस मंत्र को बेहद शक्तिशाली माना गया है. इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करना चाहिए अच्छा माना गया है।
शनि मंत्र का जाप कैसे किया जाता है?
- इन मंत्रों का जाप सावधानी पूर्वक करना चाहिए।
- नियमों का पालन करना चाहिए।
- इन मंत्रों का जाप सुबह और शाम के समय सूर्यास्त के बाद कर सकते है।
- स्वच्छता के नियमों का पालन करते हुए शनि मंत्रों का जाप करना चाहिए, तभी फल प्राप्त होता है।
- शनिवार के दिन शनि मंत्रों का जाप विशेष फल प्रदान करने वाला माना गया है।
- जिन लोगों को शनि अशुभफल दे रहे हैं, उन्हें इस दिन शनि मंत्रों का जाप और शनि का दान करना चाहिए।