हर वर्ष 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस (International Labor Day) मनाया जाता है लेकिन अक्सर लोग यह जानना चाहते हैं कि क्यों यह आज के दिन ही मनाया जाता है? बता दें कि पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस साल 1889 में मनाया गया था। इस दिन को मनाने की शुरुआत अमरीका के शिकागो शहर से हुई थी। जब मजदूर एकजुट होकर सड़क पर आ गए थे।
मजदूर दिवस (Labor Day) मई डे के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि आज के दिन का उद्देश्य होता है। श्रमिकों के सम्मान के साथ मजदूरों के अधिकारों के लिए आवाज उठाना, ताकि समाज में मजदूरों की स्थिति मजबूत हो सके।
हमारे देश भारत में श्रमिक दिवस कामकाजी आदमी व महिलाओं के सम्मान में मनाया जाता है और भारत में मजदूर दिवस को पहली बार मद्रास में 1 मई 1923 को मनाया गया था। इसकी शुरुआत हिंदूस्तान की लेबर किसान पार्टी (Labor Kisan Party) द्वारा की गई थी। इस दौरान पहली बार भारत में आजादी के पहले लाल झंडे का उपयोग किया गया था।
लेबर किसान पार्टी (Labor Kisan Party) के लीडर सिंगारावेलु चेत्तिअर (Singaravelu Chettiar) ने आज के दिन को मनाने के लिए 2 कार्यकर्म आयोजित किये थे। जिसमें पहली मीटिंग ट्रिपलीकेन बीच पर हुई थी और दूसरी मद्रास हाई कोर्ट के सामने वाले बीच पर हुई थी। सिंगारावेलु द्वारा यहां भारत सरकार के सामने दरख्वास्त भी की गई थी, कि 1 मई को मजदूर दिवस के नाम से घोषित कर दिया जाये। इसके साथ ही यह भी मांग थी कि इस दिन को नेशनल हॉलिडे घोषित किया जाए।