Madhya Pradesh: राणापुर (Ranapur) नगर में पिछले तीन-चार वर्षो से सफेद पाउडर का कारोबार काफी चरम सीमा पर चल रहा है। इस कारोबार में राणापुर के सैकड़ो बच्चे फंसे हुए हैं। साथ ही इन बच्चों के परिवार वाले यह सब देखकर उनके भविष्य को लेकर काफी चिंतित रहते हैं।
कैसे चल रहा है राणापुर में यह गोरखधंधा?
राणापुर (Ranapur) में आए दिन ड्रग्स का कारोबार चारों दिशाओं में फैला हुआ है। यह बच्चे नगर के सुनसान इलाकों में बैठकर इसका सेवन करते हैं और इनको बेचने वाले भी इस चीज का सेवन करते हैं।
आखिर क्यों देना पड़ा राणापुर के लोगों को थाने पर आवेदन?
आज राणापुर (Ranapur) के पुराने बस स्टैंड पर नगर के वरिष्ठ, महिलाएं व पत्रकार साथी सभी ने मिलकर इस नशाखोरी को बंद करने के लिए एक जुलूस निकाला। यह जुलूस राणापुर थाने पर पहुंचकर राणापुर थाना प्रभारी को आवेदन दिया। साथियों ने अवगत कराया कि राणापुर में इस प्रकार का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इसको तुरंत बंद किया जाए और साथ ही इस पर प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जाए। थाने पर आवेदन पहुंचे सम्माननीय लोगों ने प्रशासन को अवगत कराया कि आने वाले समय में अगर प्रशासन द्वारा कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया तो 3 दिन के बाद हमें और बड़ा कदम उठाकर हम सब मिलकर धरना देंगे और इस कारोबार को बंद करने का आह्वान करेंगे।
क्यों नहीं लग रहा है इस पर प्रतिबंध?
पिछले तीन-चार सालों से राणापुर में जो कारोबार पाउडर का किया जा रहा है उसमें कई बार राणापुर थाने पर कहीं आवेदन दिए गए उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई हम प्रशासन से अनुरोध करते हैं की पुलिस प्रशासन इस पर सख्त कार्रवाई करें इस कारोबार में लिफ्ट उन सभी लोगों को गिरफ्तार करें आने वाली पीढ़ी नशे की गिरफ्त में आए और यहां नशा मुक्त राणापुर बने ऐसी प्रशासन से विनती है।
आखिर क्यों नहीं हो रही इस पर करवाई?
आवेदन देने पहुंचे गणमान्य नागरिकों ने इस समस्या से अवगत कराते हुए पुलिस प्रशासन को जल्द से जल्द इन्हें गिरफ्तार करने का आवेदन किया। यह कारोबार बंद हो ऐसी गुहार लगाई। आवेदन देने पहुंचे श्री मनोहर लाल सेठिया, श्री प्रकाश अग्रवाल, श्री राजेंद्र गोयल, संजय अग्रवाल, संचित कटारिया, मनीष छिपानी, नारायण लाखा, दिलीप नलवाया, सुश्री दीपमाला नलवाया आदि सबने पुलिस प्रशासन के सामने अपनी बात रखकर इस नशाखोरी को बंद करने के लिए आवेदन दिया। आवेदन का वचन नगर पालिका अध्यक्ष सुश्री दीपमाला नलवाया ने किया।
नशाखोरी में लिप्त बच्चों के मां-बाप ने क्या कहा?
राणापुर (Ranapur) की ममता पवार ने प्रशासन से कहा कि आप इस पर सख्त कार्रवाई करें। ऐसे व्यक्तियों को पकड़ कर सजा दें, जिन्होंने हमारे बच्चों की तरह दूसरों के बच्चों के भी भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। बच्चा भी पिछले कई दिनों से इस नशे में लिप्त है और उनके घर के आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है।
राणापुर में नशे का कारोबार काफी चरम पर चल रहा है। इतना कुछ होने के बाद भी प्रशासन पर जो आरोप लग रहे हैं उन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता। आखिर इन सब के पीछे किसका हाथ है और ऐसे लोगों को किस का संरक्षण प्राप्त है? यह तथ्य भी सोचने जैसा है कि नशा बेचने वालों के साथ शासन-प्रशासन, या नगर का ऐसा कौन सा व्यक्ति है, जो इनकी आर्थिक मदद कर रहा है? इन्हें कौन संरक्षण दे रहा है? उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आने वाले समय में राणापुर के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो और इस नशे की आदत से दूर रहें।
इस नशाखोरी से परिवार में आर्थिक तंगी और ऐसी कहीं छोटी बड़ी घटनाओं से गुजरना पड़ रहा है। नशा करने वाले बच्चों के परिवार वाले अपने बच्चों की इस स्थिति को देखकर काफी दुखी होता हैं कि इन्हें इस प्रकार की लत कैसे लग गई? यह गोरख धंधा कब बंद होगा? यह बच्चे नशा करते हैं, वह यहाँ पर टोकन के नाम से दिया जाता है। इसकी मिनिमम दर ₹1000 ली जाती है। अब बच्चे यह नशा करने के लिए पैसे का इंतजाम कहां से करते हैं? यह भी एक सोचने का विषय है। तकरीबन सौ से डेढ़ सौ बच्चे इस नशाखोरी में फंसे हुए हैं, जिनका भविष्य अंधेरे में है। उनके माता-पिता की आंखों के आंसू नहीं सूख रहे हैं कि हमारे बच्चों को सुधारने के लिए कहां भेजें? कई माता-पिताओ ने अपने बच्चों को सुधारने के लिए नशा मुक्ति केंद्र इंदौर, अहमदाबाद ऐसे कई बड़े स्थानों पर भेज कर लाखों रुपए खर्च किए हैं, पर परिणाम शून्य है क्योंकि वह नशा मुक्ति केंद्र इस चीज का सेवन नहीं करते। पर घर वापस आते ही नशे में वापस लग जाते हैं।
आखिर क्यों लगाए पुलिस प्रशासन पर आरोप
नशा करने वाले बच्चों के माता-पिताओ ने सीधे पुलिस प्रशासन पर भी आरोप लगाए हैं। नशाखोरों ने पुलिस द्वारा कुछ ले दे कर मामला सेटल किया है और पाउडर बेचने वाले लोगों को छोड़ दिया जाता है।