सनातन धर्म में देव दीपावली का विशेष महत्व है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। शास्त्रों में निहित है कि कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर देवों के देव महादेव ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध किया था। इस उपलक्ष्य पर देवताओं ने स्वर्ग में दीप जलाकर देव दीपावली मनाई थी। उस समय से हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर देव दीपावली मनाई जाती है। हालांकि, इस वर्ष देव दीपावली को लेकर लोग दुविधा में हैं।
पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा तिथि 26 नवंबर को दोपहर 03 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 27 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी। देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा पर प्रदोष काल में मनाई जाती है। अतः 26 नवंबर को देव दीपावली है। इस शुभ अवसर पर काशी में विशेष गंगा आरती का आयोजन किया जाता है।
ज्योतिषियों की मानें तो देव दीपावली के दिन प्रदोष काल संध्याकाल 05 बजकर 08 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 47 मिनट तक है। इस समय में देव दीपावली मना सकते हैं।