वाराणसी: संतमत अनुयायी आश्रम मठ गड़वाघाट में गुरू पूर्णिमा (Guru Purnima) का पर्व बड़े ही हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। गुरूपूर्णिमा (Guru Purnima) आने के एक महीने पहले से ही सड़क, गंगाघाट, आश्रम, पुस्तकालय तथा समाधि मन्दिरों की सफाई एवं रंग रोगन का कार्य शुरू हो गया था। बता दे कि हजारों विद्युत झालरों से सजे गुरू प्रांगण में बच्चों के लिए सर्कस, झूलों एवं नाट्य कला से ओत प्रोत प्रतिष्ठानों सहित आस पास की जगह खिलौनों एवं मिठाइयों की दुकानों से पटा हुआ था।
इस दौरान संतमत अनुयायी आश्रम के वर्तमान पीठाधीश्वर स्वामी द्वारा समाधि पूजा के अन्तर्गत अपने पूर्ववर्ती पीठाधीश्वरों की पूजा अर्चना की गयी। तत्पश्चात भक्तों के लिए वर्तमान स्वामी श्री श्री 108 श्री स्वामी सरनानन्द जी महाराज परमहंस का दर्शन पूजन प्रारम्भ हुआ। वहीं शाम को समाधि पूजा एवं रात्रि दर्शन आरती एवं पूजा तथा भक्ति संगीत का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। वहीं भक्तों को सम्बोधित करते हुये स्वामी जी ने कहा कि अज्ञान रूपी अन्धकार से ज्ञान रूपी प्रकाश का स्रोत है। जगाच समर्पण उन्हें जीवन के आवागमन से मुक्त कर देता है।
वहीं इसी क्रम में आश्रम के महात्मा एवं स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल के प्रबन्धक बाबा प्रकाश ध्यानानन्द जी ने बताया कि मुम्बई, कलकत्ता, दिल्ली, गुजरात सहित पूरे भारतवर्ष में फैले आश्रमों से महात्मा एवं भक्तगण पधार रहे हैं। उ.प्र. एवं बिहार से भारी संख्या में भक्त आये हुए है। वहीं भक्तों को असुविधा न हो इसके लिए आश्रम के दोनों तरफ का रास्ता सही करा दिया गया है।