Varanasi: रोप-वे निर्माण में अधिग्रहित जमीनों की रजिस्ट्री शुरू

इस योजना से काशी विश्वनाथ मंदिर प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा।

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देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट (ropeway) के निर्माण की कवायद शुरू हो गयी है। इस निर्माण कार्य में चिह्नित जमीनों के अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हो गयी है। उपनिबन्धन कार्यालय वाराणसी पर अधिग्रहित जमीनों की रजिस्ट्री शुरू हुई। पहले दिन 6 लोगों ने अपनी जमीन की रजिस्ट्री की और खुश दिखे। सभी ने कहा कि प्रधानमंत्री की इस योजना से शहरवासियों को लाभ हो रहे है, तो यह हमारा सौभाग्य है।

कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक रोप-वे का संचालन होगा। डबल इंजन सरकार की इस योजना से काशी विश्वनाथ मंदिर प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा। ये योजना 644.49 करोड़ की है। यह देश का पहला और विश्व का तीसरा पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे (ropeway) होगा। वाराणसी में बनने वाले देश के पहली पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक जाएगा। इसमें लगभग 15 हजार वर्गमीटर जमींन चिन्हित की गयी है। जिसमें 7500 वर्ग मीटर जमीन सरकारी है। प्राइवेट जमीनों का सीमांकन हो चुका है और उनकी रजिस्ट्री भी शुरू हो गयी।

बुधवार को उप निबंधन कार्यालय पहुंचे 6 लोगों ने अपनी जमीने सरकार को रजिस्ट्री की। लक्सा निवासी संजय खन्ना के मकान की 8 स्कवायर मीटर जमीन सरकार ने अधिग्रहित की है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की रोप-वे परियोजना काशी के सर्तहक सिद्ध होगी। जिसने भी इसमें जमीन दी है। वह स्वेच्छा से दी है। हमें बहुत खुशी है। इस निर्माण कार्य में शामिल होना सौभाग्य की बात है। वहीं लक्सा निवासी मनोहर लाल शिवरमानी ने बताया कि सरकार ने हमें वाजिब मुआवजा दिया है। हमारी 36 स्क्वायर मीटर जमीं सरकार ने अधिग्रहित की है।

सिविल कोर्ट के अधिवक्ता रितेश श्रीवास्तव ने बताया। कि अभी तक रामपुरा की 18 जमीने अधिग्रहित कर ली गयी हैं। आज 6 जमीनों की रजिस्ट्री हुई है। अब लगातार रजिस्ट्री होगी। जमीनों के मूल्यांकन के हिसाब उन्हें मुआवजा डायरेक्टर दिया जा रहा है। सभी ने अपनी स्वेच्छा से जमीन दी है।