नवरात्र के अष्टमी में देवी मंगला गौरी के दर्शन-पूजन की मान्यता है

इनका दिव्‍य मंदिर विश्वनाथ गली में प्रतिबंधित रेड जोन में स्थित है।

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Goddess Mangala Gauri

नवरात्र में अष्टमी के दिन नौ गौरी के दर्शन-पूजन के क्रम में मंगला गौरी (Mangala Gauri) के दर्शन-पूजन का विधान है। इनका मंदिर वाराणसी के बालाघाट क्षेत्र में है। वहीं नौ दुर्गा के दर्शन पूजन के क्रम में आठवें दिन महागौरी देवी [अन्नपूर्णा] के दर्शन-पूजन की मान्यता है। इनका दिव्‍य मंदिर विश्वनाथ गली में प्रतिबंधित रेड जोन में स्थित है। मां दुर्गा की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है।

देवी मंगला गौरी (Mangala Gauri) के दर्शन के लिए आने वालों के लिए एक दिन पूर्व ही मंदिर को भव्‍य रूप से सजाया और संवारा जाता है। वहीं देवी के दर्शन के लिए आने वालों के लिए साफ सफाई और मंदिर की सज्‍जा को आकर्षक बनाया जाता है। वहीं मंदिर में देवी मंगला गौरी (Mangala Gauri) के दर्शन के लिए आने वालों के लिए पूर्व में ही चुनरी और पूजन के साथ ही श्रृंगार की सामग्री की दुकानें सज जाती हैं।

इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। अष्टवर्षा भवेद गौरी अर्थात इनके समस्त वस्त्र व आभूषण आदि भी श्वेत हैं। इनकी चार भुजाएं और वर्ण पूर्णत: गौर है। इनका वाहन वृषभ है। इनकी शक्ति अमोघ और सद्य: फलदायिनी है। इनकी उपासना से भक्तों के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते है। मां गौरा की कृपा सदैव बनी रहती है।