वाराणसी: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) 2020 के तीन साल पूरे होने के अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन विभिन्न कार्यक्रमों के तहत वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, विश्वविद्यालय के रेक्टर, प्रो. वी. के. शुक्ला ने कहा कि विश्वविद्यालय ने तत्परता से इस नीति (National Education Policy) को लागू करने के लिए एक कार्यान्वयन समिति का गठन किया है।
संवाददाता सम्मेलन में प्रो. वी. के. शुक्ला ने बताया कि इसके कार्यान्वयन की सुचारू और त्वरित प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए कुलपति प्रो. सुधीर कुमार द्वारा वर्ष 2023 में उक्त समिति का पुनर्गठन किया गया। नई शिक्षा नीति (National Education Policy) युवाओं के जल जीवन और भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय ने एनईपी की परिकल्पना के अनुसार अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट को विनियमित किया है।
प्रोफेसर सिंह ने बताया “हमने एबीसी पोर्टल पर छात्रों की उत्साहजनक संख्या में पंजीकरण सफलतापूर्वक सुनिश्चित किया हैं। सत्र 2021-22 के दौरान एबीसी पोर्टल पर कुल 14900 पंजीकरण और सत्र 2022-23 के दौरान 15722 पंजीकरण हुए हैं। कुलसचिव ने बताया कि नए प्रवेशार्थियों को अनिवार्य रूप से विश्वविद्यालय के पोर्टल पर ऑनलाइन नामांकन फॉर्म/परीक्षा फॉर्म भरते समय एबीसी का उल्लेख करने की सलाह दी जाती है।
एनईपी कार्यान्वयन समिति के वरिष्ठतम सदस्य प्रो. मुकुल राज मेहता, दर्शनशास्त्र विभाग, कला संका ने इस संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा उठाए गए कदमों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि बीएचयू एनईपी के हिस्से के रूप में विभिन्न सुधारात्मक उपाय करने के लिए एक सुनियोजित रणनीति बनाई गई।