Varanasi: गांगेय डॉल्फिन के संरक्षण के लिए जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस के अवसर पर नमामि गंगे ने राजघाट पर मछुआरों सहित नागरिकों को प्रेरित किया। डॉल्फिन के संरक्षण के लाभ के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना और संरक्षण के प्रयासों में मछुआरों सहित अन्य लोगों की भागीदारी अनिवार्य करने पर बल दिया गया। वाराणसी (Varanasi) के राजघाट पर गंगा किनारे की सफाई की गई। लोगो से गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने की अपील की गई।
डॉल्फिन के चित्र के साथ जागरूक करते हुए नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि डॉल्फ़िन एक स्वस्थ जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के एक आदर्श संकेतक के रूप में कार्य करती हैं। इस प्रकार डॉल्फ़िन का संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसा करने से न केवल प्रजातियों के अस्तित्व को लाभ होगा बल्कि उन लोगों को भी मदद मिलेगी, जो अपनी दैनिक आजीविका के लिए जलीय प्रणाली पर निर्भर हैं। बताया कि गंगा नदी की डॉल्फिन को 2009 में राष्ट्रीय जलीय प्रजाति घोषित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 में लाल किले की प्राचीर से डॉल्फिन के संरक्षण के लिए ‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन’ की घोषणा की थी।