उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (Uttarakhand CM) पुष्कर सिंह धामी, एक मंदिर और कई घरों के ढहने के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए आज डूबते जोशीमठ शहर का दौरा करेंगे। उन्होंने जल्दी से 600 परिवारों को अपना घर छोड़ने का आदेश दिया।
धंसते जोशीमठ से जुडे ताजा अपडेट्स
केंद्र ने धंसते जोशीमठ का “तेजी से अध्ययन” करने के लिए एक विशेषज्ञ पैनल का गठन किया है। अधिकारियों ने कहा कि एक समिति बस्तियों, इमारतों, राजमार्गों, बुनियादी ढांचे और नदी प्रणालियों पर भूमि धंसने के प्रभावों का अध्ययन करेगी।
उत्तराखंड के सीएम (Uttarakhand CM) पुष्कर धामी ने कहा, “जीवन बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। अधिकारियों को जोशीमठ में घरों में रहने वाले लगभग 600 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए कहा गया है। शहर के कई घरों में दरारें आ गयी है। और वहां जमीन धंस रही है।
डेंजर जोन, सीवर और ड्रेनेज के ट्रीटमेंट के काम में तेजी लाने का आदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जमीन पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो और लोगों को एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था भी की जाए।
जोशीमठ में शुक्रवार शाम को एक मंदिर ढह गया और कई घरों में बड़ी दरारें आ गईं, जिससे बड़ी आपदा के डर से यहां रह रहे लोग काफी चिंतित नजर आ रहे है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जोशीमठ के मौजूदा हालात जलवायु परिवर्तन और निरंतर बुनियादी ढांचे में किए जा रहे विकास की देन है। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक कालाचंद सेन ने कहा ये कारक हाल में सामने नहीं आये हैं, बल्कि इसमें बहुत लंबा समय लगा है।
सीएम धामी (Uttarakhand CM) ने कहा कि कस्बे में एक आपदा नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जाना चाहिए, और राज्य और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल दोनों की पर्याप्त तैनाती होनी चाहिए। प्रभावित लोगों की मदद के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
जोशीमठ का महत्व
जोशीमठ प्रमुख हिंदू और सिख धार्मिक स्थलों जैसे बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब का प्रवेश द्वार है। यह चीन के साथ भारत की सीमा के पास प्रमुख सैन्य ठिकानों में से एक है. औली रोपवे का संचालन भी बड़ी दरार विकसित होने के बाद रोक दिया गया है।
कस्बे का मारवाड़ी इलाका, जहां जमीन से पानी का रिसाव हो रहा है, वो जगह सबसे ज्यादा प्रभावित बताई जा रही है। क्योंकि इस जगह से पानी लगातार बड़ी तेजी के साथ नीचे बह रहा है।
चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों को निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक दिया गया है।
राज्य सरकार ने कहा है कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है, उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए किराए के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे।