Uttar Pradesh: महिला पर लगा नाबालिक युवक से जबरन संबंध बनाने का आरोप

ये पूरा मामला अमेठी जिला के फुरसतगंज थाना क्षेत्र के एक गांव का है।

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उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में नाबालिक से तीन सालों तक जबरन जिस्मानी रिश्ते बनाए रखने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। हैरान मुद्दा यह है कि पूरी घटना के बारे में जब पीड़ित परिवार ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई तो पुलिस-प्रशासन ने उनकी शिकायतों को अनसुना कर दिया। वहीं, जब कोर्ट ने कार्रवाई के आदेश जारी किये हैं तो पुलिस घटना से अंजान बन आदेश मिलने के बाद कार्रवाई की बात कह रही है।

दरअसल ये पूरा मामला अमेठी जिला के फुरसतगंज थानाक्षेत्र के एक गांव का है। जहां किसी नाबालिक युवती से नहीं बल्कि एक नाबालिक युवक से महिला के संबंध बनाने की खबर सामने आई है। नाबालिक के परिवार ने पड़ोस की एक दलित महिला पर आरोप लगाया है कि वि पिछले तीन सालों से अवैध संबंध बना रही थी।

फर्जी केस की धमकी देकर बनाती थी संबंध

पीड़ित परिवार का आरोप है कि गांव की रहने वाली दलित महिला ने गांव के यादव बिरादरी के किशोर को बहला-फुसलाकर उससे गंदा काम करती रही। पड़ोस की दलित महिला अपनी भोली-भाली बातों में बहला-फुसलाकर उसके नाबालिक बेटे को तीन साल पहले अपने साथ लेकर गई और फिर कभी आने नहीं दिया। तीन सालों से बंधक बनाए हुए थी और जबरन अवैध संबंध बना रही थी. किशोर महिला की बातों में आकर उसका कहा करने को मजबूर था। महिला के इशारे पर 3 साल तक किशोर का शारीरिक शोषण होता रहा, इसकी जानकारी जब परिजनों को हुई तो परिजनों ने इसका विरोध किया। परिजनों के विरोध करने पर दलित महिला पूरे परिवार को मुकदमे में फंसा देने की धमकी देती रही। इतना ही नहीं महिला पूरे परिवार को जेल भिजवाने को लेकर भी डरती रही, जिससे परिजन काफी दिनों तक उसकी बातों से डरे रहे।

किशोर के घर वाले करीब तीन साल बाद पूरे मामले की शिकायत फुरसतगंज थाने में की। पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने शुरूआती खानापूर्ती कर पीड़ित किशोर को महिला के चंगुल से आजाद तो करवाकर घरवालों को सौंप दिया लेकिन कोई किसी तरह का कोई मामला दर्ज नहीं किया जो पीड़ित किशोर के गले का फांस बन गया। पीड़ित नाबालिक भले ही आरोपी दलित महिला के चंगुल से आजाद हो गया लेकिन महिला से मुक्ति नहीं मिली। नाबालिक के घर पहुंचने के बाद महिला उसे दोबार संबंध बनाने का लगातार दबाब बनाने लगी। उसे फिर से अपने पास बुलाने लगी और संबंध नहीं बनाने पर फर्जी केस में उसे और उसके पूरे परिवार को फंसाने की धमकी देने लगा। पीड़ित परिवार एक बार फिर पुलिस की शरण में गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थक हार कर पीड़ित परिवार ने कोर्ट की शरण ली। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रथम रायबरेली आलोक कुमार सिंह ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद एक अगस्त को फुरसतगंज पुलिस को प्रकरण में केस दर्ज कर जांच कर वैधानिक कार्रवाई का निर्देश दिया।