मेरे अंतिम संस्कार की तैयारी कर लो…फोन पर बेटे को यह बात कह लखनऊ पुलिस लाइन में तैनात दरोगा ज्ञान सिंह यादव (54) ने मंगलवार देर रात न्यू हैदराबाद स्थित किराए के मकान में सर्विस पिस्टल से गोली मारकर खुदकुशी कर ली। अनहोनी की आशंका के चलते परिजन बुधवार सुबह न्यू हैदराबाद पहुंचे।
खिड़की से देखा तो बिस्तर पर खून से सना शव पड़ा नजर आया। सूचना पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने दरवाजा तोड़कर शव निकाला। पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
मूलरूप से कन्नौज निवासी ज्ञान सिंह यादव का परिवार कानपुर के श्यामनगर इलाके में रहता है। वह 1988 बैच के सिपाही थे। प्रमोशन के बाद दरोगा बने थे। वर्तमान में वह पुलिस लाइन में तैनात थे। न्यू हैदराबाद में स्थित मनोरमा शुक्ला के मकान में किराए पर अकेले रहते थे।
पुलिस को ज्ञान सिंह के बेटे ध्रुव ने बताया कि मंगलवार रात करीब 12 बजे पिता ने फोन किया था। वह घबराए हुए थे। तभी कुछ आशंका हो गई थी। इसलिए वह और अन्य परिवारीजन कुछ घंटे बाद लखनऊ के लिए रवाना हो गए थे।
सिर में फंसी मिली गोली
फोरेंसिक टीम ने भी घटना स्थल पर पहुंचकर छानबीन की। पिस्टल को कब्जे में लेकर जांच के लिए भेजा गया है। उधर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि पिस्टल दाहिनी कनपटी से सटाकर गोली मारी गई थी। गोली सिर में फंसी मिली।
पोस्टमार्टम हाउस में पहुंचे दरोगा के परिवारीजनों ने ज्यादा कुछ बातचीत करने से इनकार कर दिया। परिवारीजनों के मुताबिक ज्ञान सिंह ने रात में बेटे के अलावा भी अपने तीन-चार रिश्तेदारों को फोन किया था। सबसे एक जैसी ही बातें कीं। बहकी-बहकी बातें सुनकर सब हैरान थे। बातचीत से वह बेहद परेशान लग रहे थे। उनसे कई बार परेशानी की वजह पूछी गई, लेकिन नहीं बताया। वहीं सुसाइड नोट भी नहीं मिला।इसलिए खुदकुशी का कारण पता नहीं चल सका है।
ज्ञान सिंह ने अधूरी बातचीत के दौरान ही कॉल कट कर दी थी। बेटे ध्रुव ने उनको कई बार कॉल की लेकिन रिसीव नहीं हुई। परिवारीजनों का कहना है कि उसी वक्त आशंका हो गई थी कि ज्ञान सिंह ने कुछ कर लिया है। बाद में आशंका सही साबित हुई। घटना से उनकी पत्नी गीता, बेटा व अन्य परिवारीजन बदहवाश हैं।
ज्ञान सिंह कुछ वक्त पहले एक हादसे का शिकार हुए थे। इसमें उनको गंभीर चोट आई थी। काफी इलाज के बाद भी वह सही से चल नहीं पा रहे थे। इतना जरूर था कि वह कार्यालय में बैठकर ड्यूटी कर ले रहे थे। परिवारीजन कयास लगा रहे थे कि कहीं खुदकुशी के पीछे की वजह अस्वस्थता या नौकरी से संबंधित तो नहीं है।
साथी गया था रिश्तेदारी में, अकेले थे ज्ञान सिंह
जिस कमरे में ज्ञान सिंह ने आत्महत्या की उसमें उनके साथ एचसीपी सरदार सिंह भी रहते थे। वह मंगलवार को आलमबाग में अपने रिश्तेदार के घर गए थे। ज्ञान सिंह कमरे में अकेले थे। वहीं, एक बात यह भी सामने आई है कि पिछले कुछ समय से ज्ञान सिंह डिप्रेशन में थे। खुदकुशी के पीछे अस्वस्थता या अन्य कारण भी हो सकते हैं।