यूपी: ऊर्जा मंत्री के आश्वासन पर रविवार को बिजलीकर्मियों की हड़ताल खत्म हो गई है। प्रदेश में 65 घंटे से अधिक समय तक चले आंदोलन से जनता परेशान थी। जिसके बाद रविवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और बिजली कर्मचारी नेताओं के बीच तीसरे राउंड की बैठक में बात बनी। जहां संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे द्वारा आंदोलन वापस लेने का ऐलान किया गया।
बैठक के बाद बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया और काम पर वापस जाने की बात कही। ऊर्जा मंत्री द्वारा भरोसा देता हुए आश्वासन दिया है कि जिन कर्मचारियों पर कार्यवाही की गयी थी। उन सभी को सरकार वापस लेगी। जिनमे 3000 लोगों को निकाला गया था। 29 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। 22 लोगों पर एस्मा लगाया था।
सम्मान करते हुए हड़ताल वापस
समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को कोई लिखित आश्वासन नहीं मिला है. मगर, ऊर्जा मंत्री ने समझौते का आश्वासन दिया है. इसलिए मुख्यमंत्री के आह्वान, ऊर्जा मंत्री के आश्वासन और हाईकोर्ट के सम्मान का सम्मान करता हुए हमने हड़ताल वापस ली है।
सभी कार्यवाही होगी वापस
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा ने संघर्ष समिति को आश्वासन दिया कि हड़ताल के दौरान कर्मचारियों के खिलाफ की गई सभी कार्यवाही को वापस लिया जाएगा। जिसके लिए उन्होंने यूपीपीसीएल के चेयरमैन को निर्देशित भी किया है कि अब तक कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्यवाही में चाहे एफआईआर हो या निलंबन या फिर अन्य किसी प्रकार की कार्यवाही, इसे जल्द वापस लिया जाएगा.
कर्मचारियों को वापस काम पर लिए कहा
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से कहा है कि राज्य में जहां कहीं भी विद्युत आपूर्ति बाधित हो, उसे शीघ्र संचालित किया जाए. साथ ही कर्मचारी कार्यस्थल पर जाकर अपनी ड्यूटी करें। संघर्ष के अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए आने वाले समय में बात करके हल किया जाएगा।
हड़ताल के मुख्य कारण
कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण बिजली उत्पादन इकाइयों का निजीकरण, नोएडा जैसे शहरों में प्राइवेट कंपनियों से बिजली सप्लाई का ठेका वापस लेने की मांग, ओबरा और अनपरा की नई विद्युत उत्पादन इकाइयों को NTPC को देने पर असहमति एवं ऊर्जा निगम अध्यक्ष का नियम विरुद्ध चयन मुख्य बिंदु रहे है।