Uttar Pradesh: संपत्ति के लिए दिव्यांग को जलाया जिंदा

मामला चौरीचौरा थाना क्षेत्र के देवीपुर गांव का है।

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Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश की गोरखपुर पुलिस ने चौरीचौरा में दिव्यांग सुरेंद्र यादव हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा किया है। दरअसल पैसों के लालच में सुरेंद्र को जिंदा जला दिया गया था। हैरानी की बात यह है कि आरोपियों ने इस मामले में गांव के प्रधान को फंसाने और सरकारी जमीन पर कब्जा करने की साजिश के तहत हत्याकांड की साजिश रची गई थी। पुलिस ने मास्टरमाइंड मृतक योगेन्द्र यादव के चाचा रामजीत, सुरेंद्र के सगे भाई योगेंद्र और चचेरे भाई पन्नेलाल व महेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

मामला चौरीचौरा थाना क्षेत्र के देवीपुर गांव का है। एसपी नार्थ मनोज अवस्थी और एएसपी मानुष पारिख ने पुलिस लाइन में संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर घटना का पर्दाफाश किया है। एसपी ने बताया कि 30 जुलाई की रात में देवीपुर गांव के झोपड़ी में चारपाई पर सो रहे सुरेंद्र यादव की हत्या की सूचना पुलिस को दी गई थी। परिजनों के संदेह जाहिर करने पर पुलिस ने प्रधान प्रिया देवी, उनके पति वीरेंद्र, लालबचन व सुरेंद्र पासवान को आरोपी बनाया था लेकिन गांव व प्रधान के घर के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे की से जांच की गई तो नामजद आरोपी निर्दोष पाए गए, इसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

तफ्तीश के दौरान पुलिस ने शराब की बोतल के बार कोड व अन्य स्रोतों से जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि तहसील प्रशासन की टीम ने लगभग डेढ़ साल पहले गांव की एक जमीन की पैमाइश की थी। इसमें जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकी के लिए जगह को सुरक्षित किया गया था। कीमती जमीन रामजीत यादव और उसके परिजनों के कब्जे में थी, जिसका वह लगातार विरोध करता था। पूर्व में पैमाइश के लिए आए राजस्व कर्मी से विवाद किया था, इसका केस भी दर्ज है।

एसपी नॉर्थ का कहना है कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने और प्रधान को फंसाने की नीयत से दिव्यांग योगेन्द्र यादव के चाचा ने ही साजिश रचकर उसकी हत्या को अंजाम दिया था। उसके इशारे पर ही बेटों और भतीजे ने दिव्यांग सुरेन्द्र यादव की हत्या को अंजाम दिया था। पुलिस ने इस केस के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।