Uttar Pradesh: उच्चाधिकारियों की निगरानी में रहेंगे प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल

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CCTV Image

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों (government hospitals) की व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के लिए अनेक कदम उठाये जा रहे है। इसी क्रम में अस्पतालों की हकीकत जानने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों को सीसीटीवी कैमरे से जोड़ा जा रहा है। यह कैमरे 24 घंटे इंटरनेट के जरिया प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मुख्यालय से जुड़े होंगे। जिससे सभी अस्पताल यहाँ बैठे विभाग के उच्चाधिकारी की रडार पर रहेंगे।

उच्च क्वालिटी के कैमरे लगाये जायेंगे

इस कदम से अधिकारियो को मरीजों को होने वाली परेशानी का पता चल सकेगा। साथ ही साथ स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी यह भी देख पायेंगे कि डॉक्टर समय से ओपीडी में हैं या नहीं? प्रदेश सरकार की इस पहल पर प्रयागराज जिले के तेज बहादुर सप्रू (बेली) अस्पताल में इसकी शुरूआत भी हो चुकी है। सभी वार्डों के साथ ही ओपीडी, पर्चा काउंटर, दवा काउंटर, एक्स-रे कक्ष, एमआरआई, पैथालॉजी समेत अन्य प्रमुख स्थानों पर उच्च क्वालिटी के कैमरे लगाए गए हैं।

वार्ड के अंदर की तत्काल की स्थिति देख सकेंगे

मरीजों की सुविधा को देखते हुए सरकारी अस्पतालों (government hospitals) में लगे सभी सीसीटीवी कैमरो को एक्टिव मोड में ही रखने के आदेश हैं। जिससे प्रदेश की राजधानी में बैठा अधिकारी अस्पताल का नाम डालते ही उस अस्पताल को देख ले। शासन की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि कैमरे हमेशा ऑन रखे जाने हैं ताकि अफसर चाहे जब किसी भी हास्पिटल के किसी भी वार्ड के अंदर की तत्काल की स्थिति देख लें।

बेली अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शारदा चौधरी बताती हैं कि सरकारी अस्पतालों (government hospitals) में सभी जगहों पर CCTV कैमरे लगवा दिए गए हैं। यहां की प्रत्येक गतिविधियों की जानकारी सीसीटीवी कैमरे के जरिए मुख्यालय में बैठे अधिकारी आसानी से पा सकते हैं।

अस्पताल में भर्ती मरीज गायब

कोरोना काल में प्रयागराज के बेली अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही सामने आयी थी। जहां कोरोना संक्रमित भर्ती मरीज रामलाल यादव 2 साल पहले अस्पताल से गायब हो गए थे। रामलाल कौशांबी जनपद के रहने वाले थे। आज तक इसके बारे में जानकारी नहीं है कि वह कहां हैं? यह मामला चर्चित हो गया है, जिसपर इलाहाबाद हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। अस्पताल की लापरवाही यह थी कि उस समय सीसीटीवी कैमरे खराब थे। जिससे इस घटना का कोई सीसीटीवी फुटेज रिकॉर्ड तक नहीं हुआ, कि रामलाल का कुछ पता लगाया जा सके। सरकार की इस व्यवस्था से प्रत्येक मरीजों का रिकार्ड CCTV में कैद होता रहेगा।

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