UP: आचार संहिता उल्लंघन मामले में कोर्ट ने गायत्री प्रसाद को किया दोषमुक्त

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सुलतानपुर की एक कोर्ट ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में साक्ष्यों के अभाव में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति (gayatri-prasad) को शुक्रवार को दोषमुक्त कर दिया हुई। एक अन्य आपराधिक मामले में लखनऊ जेल में बंद गायत्री प्रसाद प्रजापति को कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार को सुलतानपुर स्थित कोर्ट में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति (gayatri-prasad) को आचार संहिता उल्लंघन मामले में दोषमुक्त करार दे दिया है।

गायत्री प्रसाद प्रजापति (gayatri-prasad) के वकील संतोष कुमार पांडेय ने बताया कि, सुलतानपुर की सांसद-विधायक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश योगेश यादव ने साक्ष्यों के अभाव में आचार संहिता उल्लंघन के मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को दोष मुक्त करार दे दिया है। उन्होंने बताया कि, पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद के खिलाफ साल 2012 में विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ था। जहां शुक्रवार को उन्हे कोर्ट ने बरी कर दिया है।

यह है पूरा मामला

चुनाव के दौरान तत्कालीन अमेठी कोतवाल अमरेंद्र नाथ बाजपेई ने सपा पार्टी के प्रत्याशी गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ 28 जनवरी 2012 को नामांकन भरने के दौरान विधि विरुद्ध तरीके से जुलूस निकालकर नियम तोड़ने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था।

बता दे कि, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति गैंगरेप के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। पिछले वर्ष नवंबर में सांसद व विधायक कोर्ट ने गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी और प्रत्येक दोषी पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। जहां 18 फरवरी, 2017 को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद व अन्य के खिलाफ थाना गौतम पल्ली में सामूहिक दुराचार, जानमाल की धमकी व पॉक्सो कानून के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। वहीं शुकवार को प्रजापति को अदालत में दोषमुक्त करार दे दिया है।